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कोरोना वायरस (COVID 19) महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तान (Pakisyan) में महीनों फंसे रहने के बाद, लगभग 400 से ज्यादा भारतीय 28 जून को अमृतसर में वाघा-अटारी बॉर्डर (Wagah-Attari Border) से वापस भारत लौटे.
स्टूडेंट्स, लॉन्ग टर्म वीजा होल्डर्स, उनके रिश्तेदारों समेत 405 भारतीय नागरिकों और वैध वीजा वाले 56 पाकिस्तानी नागरिकों की एक टुकड़ी ने सोमवार को पंजाब में प्रवेश किया. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने 18 जून को एक मौखिक नोट के जरिये इसकी सूचना दी थी. सूत्रों का कहना है कि इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन इस साल अप्रैल से पाकिस्तान में संबंधित अधिकारियों को रिमाइंडर भेज रहा था.
27 जून को इस्लामाबाद में भारतीय कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिस में लिखा था, “पाकिस्तान में भारतीय हाई कमीशन 28 जून, 2021 को 405 भारतीय नागरिकों, 48 NORI वीजा धारकों, और NORI वीजा धारकों के 8 पति/पत्नी/रिश्तेदारों को पाकिस्तान से भारत वापस लाने की सुविधा दे रहा है. भारतीय नागरिकों और NORI वीजा होल्डर्स की लिस्ट के मुताबिक स्वदेश में आगमन दिया जाएगा. कृपया लौटने के लिए समय पर वाघा-अटारी बॉर्डर पर पहुंचने की जरूरी व्यवस्था करें.”
28 जून को भारत आने वाले कई लोग पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में फंस गए थे. इसके अलावा, एक नागरिक मुहम्मद रमजान और भारतीय जेलों में बंद तीन मछुआरों सहित चार पाकिस्तानी कैदियों को भी अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिये से लाहौर वापस लाए जाने की उम्मीद है.
नवंबर 2020 में, भारत से 107 पाकिस्तानी नागरिक और 88 NORI वीजा धारक, 75 भारतीय और NORI वीजा धारकों के 7 पति/पत्नी को पाकिस्तान से भारत वापस लाया गया. भारत में कोविड की घातक दूसरी लहर के बाद इस साल मार्च में ये सुविधा रोक दी गई थी.
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