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कोरोना संकट के बीच एक तरफ जहां दिल्ली का हेल्थ सिस्टम चरमराता हुआ नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना मामलों का आंकड़ा और उससे होने वाली मौत भी बढ़ती जा रही हैं. बुधवार 10 जून को दिल्ली में 1501 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन में रिकॉर्ड 48 लोगों की मौत हुई है. वहीं महाराष्ट्र की अगर बात करें तो यहां एक दिन में 3254 नए केस आए हैं और 149 लोगों की मौत हुई है.
वहीं देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक्टिव केस से ज्यादा उन मरीजों की संख्या है जो ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. जो कुछ हद तक राहत की बात है
पहले आपको दिल्ली का हाल समझाते हैं. दिल्ली में बेड्स और बाकी सुविधाओं को लेकर एक बहस छिड़ी है. दिल्ली सरकार कोरोना आंकड़ो की रोज भविष्यवाणी कर बता रही है कि दिल्ली में लाखों केस आने वाले हैं. वहीं दूसरी तरफ बेड्स को लेकर भी बड़ी मुसीबत है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक कुल करीब 4 हजार बेड फिलहाल दिल्ली के पास हैं. उसमें से भी कई हॉस्पिटलों से शिकायतें आ रही हैं.
महाराष्ट्र अकेला ऐसा राज्य है जहां कोरोना के मामले अब एक लाख से कुछ ही कदम दूरी पर हैं. अगले एक या दो दिनों में यहां 1 लाख से ज्यादा कोरोना केस दर्ज होने की उम्मीद है. यहां रोजाना करीब 2 हजार से 3 हजार नए केस सामने आ रहे हैं, जबकि औसतन 100 लोगों की एक दिन में मौत की रिपोर्ट है. बेड्स और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में यहां का हाल राजधानी दिल्ली से बुरा है. इंडियन एक्सप्रेस एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में 99 फीसदी आईसीयू बेड भर चुके हैं. वहीं बाकी बेड्स को लेकर भी करीब यही रिपोर्ट है.
भले ही दिल्ली और महाराष्ट्र के आंकड़े डराने वाले हों, लेकिन इसी बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई. पहली बार देश में ऐसा हुआ है जब कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या एक्टिव केस से ज्यादा हो चुकी है. यानी भारत में रिकवरी रेट में काफी सुधार हुआ है. लोग कोरोना से संक्रमित तो हो रहे हैं, लेकिन जल्दी ठीक होकर घर लौट रहे हैं. भारत में ज्यादातर ऐसे मरीजों की मौत हुई है, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी थी. लेकिन जब तक कोरोना के मामले कम नहीं होते हैं, तब तक किसी भी खबर को पूरी तरह राहत नहीं माना जा सकता है.
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