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दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर ने लगभग हर देश में अपना असर डाला है. इस वायरस से संक्रमण के खतरे के साथ ही इससे जुड़ी फेक न्यूज का खतरा भी लगातार बना हुआ है. ऐसा ही एक मामला आया भारत में जब देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा इसकी चपेट में आए. रतन टाटा के नाम का इस्तेमाल कर एक बयान सोशल मीडिया पर खूब फैलाया जा रहा था, जिसे अब खुद टाटा ने फर्जी करार दिया है.
COVID-19 के कारण न सिर्फ लोगों की जान जा रही है बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर हुआ है. भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं है और इस पर भी बड़े नकारात्मक प्रभाव की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
ऐसे में रतन टाटा जैसे उद्योग जगत के बड़े और प्रतिष्ठित शख्सियत के नाम से एक मैसेज सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है-
ये बयान रतन टाटा का बताकर शेयर किया जा रहा है. टाटा के नाम से पेश किए जा रहे इस बयान में आगे कहा गया है- “लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि वो लोग मानवीय प्रेरणा और इच्छाशक्ति की कीमत नहीं जानते.”
इस मैसेज में आगे कहा गया है कि एक्सपर्ट्स ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान का भविष्य खत्म बताया था और साथ ही 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत की जीत को भी एक्सपर्ट्स ने असंभव बताया था, लेकिन उनके बावजूद जापान बड़ी अर्थव्यवस्था बना और भारत ने वर्ल्ड कप जीता था.
वायरल मैसेज के आखिर में लिखा था-
शनिवार 11 अप्रैल को खुद रतन टाटा ने इस वायरल मैसेज की तस्वीर ट्वीट की और लिखा-
टाटा ने आगे कहा कि अगर उन्हें कभी कुछ कहना होगा तो मैं अपने आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कहूंगा. उम्मीद है आप सब सुरक्षित हैं और अपना ध्यान रखें.
कोरोना वायरस के बीच फेक न्यूज के कई मामले भारत समेत दुनियाभर में आए हैं. देश में भी अलग-अलग राज्यों ने इस दौरान फेक न्यूज को लेकर कई केस दर्ज किए हैं जबकि कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
टाटा ग्रुप ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए बड़ी आर्थिक सहायता दी है. टाटा संस ने 1000 करोड़ रुपये और टाटा ट्रस्ट ने 500 करोड़ की मदद प्रधानमंत्री के राहत फंड से लेकर मेडिकल उपकरणों और अस्पताल में खर्चे के लिए दान की हैं.
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