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कोरोना: बैंकों से लेकर राज्य सरकारों तक के लिए RBI ने किए कई ऐलान
RBI गवर्नर ने 17 अप्रैल की सुबह किए कई ऐलान
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RBI गवर्नर ने 17 अप्रैल की सुबह किए कई ऐलान
(फोटो: PTI)
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कोरोना वायरस संकट के बीच इकनॉमी और फाइनेंशियल सिस्टम को राहत पहुंचाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 17 अप्रैल को कई उपायों का ऐलान किया. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से घोषित किए गए इन उपायों में बैंकों से लेकर नॉन-बैंक लैंडर्स तक को राहत दी गई है.
RBI ने इन उपायों का ऐलान किया है
लिक्विडिटी
रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर उसे (4 फीसदी से घटाकर) 3.75 फीसदी कर दिया गया है. हालांकि, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिवर्स रेपो रेट घटने से बैंक अपनी नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखने को कम इच्छुक होंगे. इससे उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी. इससे बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ज्यादा कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुए उनके लिए WMA लिमिट को 60 फीसदी तक (67028 करोड़ रुपये तक) बढ़ा दिया है. इससे राज्यों को इस मुश्किल वक्त में संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. बढ़ी हुई लिमिट 30 सितंबर 2020 तक उपलब्ध रहेगी
RBI लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के जरिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगा. यह काम किस्तों में किया जाएगा
नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के पुन: वित्त पोषण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी
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बैंकिंग सेक्टर
तीन महीनों का मॉरटोरियम पीरियड NPA क्लासीफिकेशन के 90 दिनों के पीरियड से बाहर होगा.
बैंकों को स्टैंडस्टिल अकाउंट्स के लिए 10 फीसदी का अतिरिक्त प्रावधान करने की जरूरत होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर 180 दिनों की अवधि के बाद बैड लोन बढ़ता है तो पर्याप्त बफर की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके
अब बैंकों के पास स्ट्रेस्ड अकाउंट्स के लिए रिजॉल्यूशन प्लान तैयार करने को 300 दिन होंगे
कैपिटल संरक्षित करने के लिए ऐलान किया गया है कि शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक मार्च 2020 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष की प्रोफिट्स से किसी डिवीडेंट पेआउट्स का ऐलान नहीं कर सकते. 30 सितंबर 2020 के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी
लिक्विडिटी कवरेज रेशियो को तत्काल प्रभाव से 100 फीसदी से घटाकर 80 फीसदी कर दिया गया है. इससे बैंकों को कुछ लिक्विडिटी राहत मिलेगी. हालांकि इसे अगले साल अप्रैल तक चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जाएगा
शक्तिकांत दास ने कहा कि COVID-19 महामारी के चलते रिजर्व बैंक आर्थिक हालात पर लगातार नजर रखे हुए है और वो आर्थिक तंत्र में पर्याप्त नकदी बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा.