advertisement
कोरोना वायरस की दूसरी वेव से बेहाल भारत को लगातार दुनिया के दूसरे देश मदद दे रहे हैं. भारत में ऑक्सीजन की भारी कमी चल रही है जिसकी वजह से ज्यादातर मदद ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और जनरेटर के रूप में आ रही है. जल्दी ही यूके से तीन बड़े ऑक्सीजन जनरेटर भारत पहुंचेंगे, तो वहीं कई हजार रेमडेसिविर वायल की मदद आ चुकी है.
ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो प्लेन उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट से तीन बड़े ऑक्सीजन जनरेटर लेकर भारत रवाना हुआ है. ये प्लेन 7 मई को 18 टन के तीन जनरेटर और 1000 वेंटीलेटर लेकर निकला है.
ये ऑक्सीजन जनरेटर 40 फुट ऊंचे मालवाहक कंटेनर के बराबर हैं. ये एक मिनट में 500 लीटर ऑक्सीजन बनाते हैं, जो कि एक समय पर 50 लोगों को दी जा सकती है.
कोविड इलाज में इस्तेमाल आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की देश में कमी से लेकर कालाबाजारी तक सब हो रहा है. बाजार में बमुश्किल मिल रहे इंजेक्शन को लोग मनचाहे दामों पर बेच रहे हैं. ऐसे में अब अमेरिकी कंपनी गिलेड साइंसेज ने भारत को रेमडेसिविर भेजी है.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि कंपनी ने 8 मई को 25,600 रेमडेसिविर वायल्स भारत पहुंचाए हैं.
इससे पहले 5 मई को अमेरिका से 81000 वायल रेमडेसिविर भारत आई थीं. विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर गिलेड साइंसेज का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा था कि कंपनी ने 1.5 लाख से ज्यादा रेमडेसिविर खुराक डोनेट की हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)