advertisement
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई दिग्गजों ने लॉकडाउन की सिफारिश की थी. अब देश की टॉप हेल्थ एजेंसी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख, डॉ. बलराम भार्गव ने भी कहा कि जिन जिलों में संक्रमण के आंकड़े ज्यादा हैं, उन्हें अगले 6 से 8 हफ्ते लॉकडाउन में ही रहना चाहिए. ICMR प्रमुख ने कहा कि लॉकडाउन प्रतिबंध उन सभी जिलों में लागू होना चाहिए, जहां संक्रमण की दर टेस्ट किए गए लोगों से 10% से ज्यादा है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. भार्गव ने एक इंटरव्यू में कहा, “हाई पॉजिटिविटी वाले जिले बंद रहने चाहिए. अगर वो 10% से 5% पॉजिटिविटी रेट पर आते हैं, तो हम उन्हें खोल सकते हैं. वो जाहिर तौर पर अगले 6 से 8 हफ्तों नहीं होगा.”
दिल्ली के कोविड हालातों पर डॉ. भार्गव ने कहा कि “अगर दिल्ली को कल खोल दिया गया, तो ये आपदा होगी.”
भारत पिछले एक महीने से कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है. देश में रोजाना साढ़े 3 लाख से ज्यादा केस और करीह 4 हजार मौतें रिकॉर्ड हो रही हैं. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि असली आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं. वहीं, इस त्रासदी के बीच देश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर जैसी दवाइयों की किल्लत भी देखी जा रही है.
दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और मिजोरम में लॉकडाउन लगा है.
वहीं, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में पूरी लॉकडाउन नहीं है, लेकिन पाबंदियां लगाई गई हैं.
20 अप्रैल 2021 को देश के नाम अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने राज्यों से कहा था कि लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के तौर पर देखें और माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करने को कहा था.
अमेरिका के टॉप मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची ने भारत में कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन की सलाह दी थी. डॉ. फाउची का कहना था कि इससे इस मुश्किल समय में तत्काल कदम उठाने के लिए समय मिलेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के चीफ मेडिकल एडवाइजर, डॉ. फाउची ने कुछ दिनों पहले द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत इस समय काफी मुश्किल स्थिति में है और हालात को सही करने के लिए कुछ तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. डॉ. फाउची ने कहा,
उन्होंने हाल ही में कहा कि भारत की हालत बेहद नाजुक है उनको तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाने की जरूरत है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)