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एक लंबे समय से कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है. इस बीच मंगलवार को दिल्ली एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर (Covid 19 Third Wave) उतनी गंभीर नहीं होगी जितनी कि पहली और दूसरी लहर रही है. जिस तरह से कोरोना के मामलों में कमी आई है इसे देखते हुए ऐसा लगता है कि वैक्सीन वायरस से सुरक्षा देने में प्रभावी रही है.
भारत में अब कोरोना के मामलों में गिरावट आ रही है. मंगलवार को कुल मामले 7,579 दर्ज हुए जो पिछले 543 दिनों में सबसे कम है. डॉ गुलेरिया आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव की किताब 'गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन- द इनसाइड स्टोरी' के लॉन्च पर बातचीत में बोल रहे थे, उन्होंने बूस्टर डोज की आवश्यकता पर भी अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा,
आईसीएमआर के बलराम भार्गव ने भी यह कहा कि कोरोना के खिलाफ बूस्टर वैक्सीन की जरूरत का समर्थन करने के लिए वर्तमान में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और पुडुचेरी में वैकिसीनेशन की कम दरों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक अपनी कम से कम 70 फीसदी आबादी को पहली डोज भी नहीं लगाई है.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस साल के अंत तक अपनी पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, लेकिन कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन धीमी गति से हो रहा है, साथ ही लोगों द्वारा दूसरी डोज लेने में देरी भी चिंता का विषय हो सकता है.
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