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देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर चल रही है. रोजाना संक्रमण के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. अब केंद्र ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोविड वैक्सीन दिए जाने की इजाजत दे दी है. इसके बाद Covishield और Covaxin की नई कीमतों का ऐलान हो गया है. लेकिन इस पर विवाद शुरू हो गया है क्योंकि दाम काफी ज्यादा है. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसे 'मुनाफाखोरी' करार दिया है.
केंद्र की नई वैक्सीन पॉलिसी के मुताबिक, अब वैक्सीन मैन्युफेक्चरर्स सीधे राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेच सकेंगे. इसके लिए Covishield बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट और Covaxin बनाने वाली भारत बायोटेक ने वैक्सीनों के नए दाम बताए, जो राज्यों और अस्पतालों के लिए अलग-अलग हैं.
पी चिदंबरम ने अपने बयान में कहा, "सरकार की अयोग्यता को दो वैक्सीन मैन्युफेक्चरर्स ने सामने ला दिया है, जिन्होंने उन्हीं वैक्सीनों के लिए 5 कीमतें सामने रख दी है और सरकार चुप है!"
चिदंबरम ने कहा कि एक नजरिया ये भी है कि 150 रुपये प्रति डोज पर भी दोनों मैन्युफेक्चरर्स को थोड़ा मुनाफा हो रहा है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, "अगर सच है तो 400-1000 रुपये पर ये मुनाफाखोरी होगी. शायद सरकार यही चाहती है."
चिदंबरम ने पूछा कि क्या स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर जवाब देगा?
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि वो राज्य सरकारों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में Covishield वैक्सीन उपलब्ध कराएगा.
भारत बायोटेक ने भी Covaxin की कीमतों का ऐलान कर दिया है. ये वैक्सीन राज्य सरकारों को 600 रुपये और निजी अस्पतालों को 1200 रुपये में उपलब्ध होगी.
अभी तक ये वैक्सीन केंद्र सरकार को 150-200 रुपये प्रति डोज के हिसाब से मिल रही थी. लेकिन सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने पर लोगों को मुफ्त दी जा रही थी. वहीं, निजी अस्पतालों में ये 250 रुपये प्रति डोज पर मिल रही थीं.
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