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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले बढ़ते जा रहे हैं. अब लेफ्ट पार्टियों के सबसे बड़े दल सीपीएम ने नोटिस लोकसभा महासचिव को दिया है.
सबसे पहले आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. एनडीए से अलग हुई टीडीपी ने भी इसका समर्थन का ऐलान किया था. इसके बाद कांग्रेस ने भी इसी तरह का नोटिस दिया है. लेकिन लोकसभा में हंगामे की वजह से अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
पार्टी के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया कि उनके दल ने चार प्रमुख मुद्दों के हवाले से मोदी सरकार के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
इससे पहले कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे चुके हैं.
लोकसभा में सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है इसलिए अविश्वास प्रस्ताव से सरकार के गिरने के आसार नहीं है. लेकिन इसके जरिए विपक्ष एनडीए गठबंधन के अंदर चल रही उठा-पटक को सामने लाना चाहता है.
टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटेगरी में रखने और पैकेज नहीं देने का आरोप लगाते हुए कुछ दिन पहले ही एनडीए से बाहर होने का ऐलान कर दिया है.
वैसे लोकसभा में बीजेपी के पास 274 सदस्य हैं, एनडीए गठबंधन के पास 300 से ज्यादा सांसद हैं.
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