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4 लाख 5 हजार 861. ये पिछले साल, 2019 में भारत में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध का आकंड़ा है. 29 सितंबर को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डेटा 'क्राइम इन इंडिया' में ये खुलासा हुआ है. महिलाओं के खिलाफ अपराध का ये डेटा उसी दिन आया, जिस दिन हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने 15 दिनों तक लड़ने के बाद दम तोड़ दिया.
डेटा के मुताबिक, भारत में 2019 में रोजाना औसतन 87 रेप के मामले दर्ज किए गए.
NCRB का डेटा बताता है कि 2018 के मुकाबले, 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध 7.3% तक बढ़ा.
योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य है. केवल उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 59,853 अपराध दर्ज किए गए. ये सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.
वहीं, असम में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर रिकॉर्ड किया गया. प्रति लाख महिलाओं पर 117.8 महिलाएं पिछले साल अपराध का शिकार हुईं. 2018 में 58.8 के मुकाबले, 2019 में अपराध रेट बढ़कर 62.4 हो गया.
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध 'पति या उसके परिवार द्वारा हिंसा' के तहत दर्ज किए गए.
राजस्थान में रेप के सबसे ज्यादा केस (5,997) दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश में 3,065 केस और मध्य प्रदेश में 2,485 केस दर्ज किए गए.
रेप केसों की दर भी राजस्थान में सबसे ज्यादा (प्रति लाख आबादी पर 15.9) है.
NCRB के डेटा में बच्चियों के खिलाफ अपराध में भी बढ़ोतरी देखने को मिली. 2018 के मुकाबले, 2019 में बच्चियों के खिलाफ अपराध 4.5% तक बढ़ा.
2019 में बच्चियों के खिलाफ 1.48 अपराध दर्ज किए गए.
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