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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने नक्सलियों से लोहा लेने के लिए अपनी प्रतिष्ठित कोबरा यूनिट में शामिल करने को महिला कमांडो की पहली बैच का चयन किया है. सीआरपीएफ की सभी छह महिला बटालियनों से कुल 34 महिला कमांडो का चयन किया गया है. प्रतिष्ठित कोबरा (कमांडो बटालियन्स फॉर रिसॉल्यूट एक्शन) यूनिट में शामिल किए जाने से पूर्व इन्हें तीन महीने तक सख्त प्रशिक्षण दिया जाएगा.
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि तीन महीने के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें आधुनिक हथियार चलाना सिखाया जाएगा. इसके अलावा शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि करने के साथ-साथ प्लानिंग, फिल्ड क्राफ्ट व विस्फोटकों के इस्तेमाल का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. जंगल में नक्सलियों से मोर्चा लेते समय घिर जाने के बाद खुद को बचाने के गुर भी उन्हें सिखाए जाएंगे.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने नक्सलियों से मुकाबला करने के उद्देश्य से गुरिल्ला और जंगल में लड़ाई करने जैसी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कोबरा की 10 बटालियन गठित करने की मंजूरी दी थी.
कोबरा के दो बटालियनों का गठन 2008-2009 में किया गया था. साल 2009-10 में बटालियन की संख्या बढ़ाकर चार कर दी गई. इसके बाद 2010-2011 में चार और बटालियन का गठन किया गया. फिलहाल सीआरपीएफ के पास 246 बटालियन हैं. इनमें 208 एग्जिक्यूटिव, छह महिला, 15 आरएएफ, 10 कोबरा, पांच सिग्नल, एक स्पेशल ड्यूटी ग्रुप और एक पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप शामिल हैं.
सीआरपीएफ के डीआईजी एम. दिनाकरन ने आईएएनएस को बताया कि जिन 34 महिला कमांडो का चयन किया गया है, उन्होंने स्वेच्छा से कोबरा यूनिट में शामिल होने के लिए अपने नाम सुझाए थे. इनके अलावा 200 और महिला कमांडो ने भी सीआरपीएफ की इस प्रतिष्ठित यूनिट में शामिल होने के लिए अपने नाम दिए हैं.
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