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देश का युवा स्टाइलिश तो है पर रूढ़िवादी सोच भी रखता है!

युवा भारतीय जागरूक जरूर हो रहे हों लेकिन सामाजिक और सांस्कृतिक नजरिए से अभी भी बहुत रूढ़िवादी हैं.

कौशिकी कश्यप
भारत
Updated:
(फोटो: हर्ष सहनी/ द क्विंट)
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(फोटो: हर्ष सहनी/ द क्विंट)
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इंडियन यूथ पढ़ाई पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं, वजह बेरोजगारी देश की एक बड़ी समस्या है जिससे वो जूझना नहीं चाहते हैं. देश के युवा मोबाइल फोन, लैपटाॅप का ज्यादा यूज कर रहे हैं हालांकि उनमें बहुत कम के पास इंटरनेट की अच्छी पहुंच है.

यंग इंडियन अपनी स्टाइलिंग पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं, लेकिन उनकी सोच ये है कि लड़कियों को शादी के बाद काम नहीं करना चाहिए. ये 35 साल तक की उस यूथ पाॅपुलेशन की सोच है जो हमारी आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं.

ये रिपोर्ट सेंटर फाॅर द स्टडी इन डेवलपिंग सोसायटीज (सीएसडीएस) और कोडनर अडेनर स्टिफंग (केएएस) की है. सीएसडीएस की ओर से पिछले साल एक सैंपल सर्वे स्टडी की गई थी. इसमें 15 से 34 साल के युवा लोगों को शामिल किया गया था.

इस स्टडी से पता चलता है कि कैसे देश में आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और तकनीकी परिवर्तन ने भारतीय युवाओं को प्रभावित किया है.

सीएसडीएसकी-केएएस की ओर से 10 साल पहले भी 2007 में ऐसा ही एक सर्वे युवाओं को लेकर किया गया था.

भारतीय युवा हैं चिंतित

(फोटो: हर्ष सहनी/ द क्विंट)

सर्वे से पता चला है कि 18-25 साल के 78% युवाओं की सबसे बड़ी समस्या नौकरी पाना है. 15-17 साल के लगभग 83% युवा अपनी शिक्षा को लेकर स्ट्रेस में हैं. शहरी युवा और उनमें भी ज्यादातर वो जो बेहतर शिक्षा पा रहे हैं और इकाॅनोमिकली मजबूत हैं, वो लोग ज्यादा चिंतित हैं.

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युवाओं को महंगे फोन, लैपटाॅप रखने के साथ-साथ स्टाइलिश दिखना है पसंद.

(फोटो: हर्ष सहनी/ द क्विंट)

भले ही आर्थिक और तकनीकी प्रगति के कारण युवा भारतीय जागरूक हो रहे हों लेकिन सामाजिक और सांस्कृतिक नजरिए से अभी भी बहुत रूढ़िवादी हैं.

51% युवाओं का मानना है कि पत्नियों को हमेशा अपने पति की सुननी चाहिए. 61% युवा का मानना है कि दो पुरुषों या दो महिलाओं के बीच लव अफेयर गलत है. चौंकाने वाली बात ये है कि दो-तिहाई यानी कि 67% लोगों ने लिव-इन-रिलेशनशिप को सही नहीं करार दिया. वहीं सर्वे में शामिल हर पांच में से दो यानी 40% लोग वेलेंटाइन डे सेलिब्रेशन के विरोध में थे.

(फोटो: हर्ष सहनी/ द क्विंट)

रिपोर्ट बताती है कि सर्वे में शामिल लगभग पांच में से चार लोगों का करीबी दोस्त दूसरी जाति से है. ये युवा उन युवाओं की तुलना में ज्यादा प्रगतिशील सोच रखते हैं जो अपने दोस्ती को सिर्फ अपने समुदाय तक ही सीमित रखते हैं.

इसके अलावा ये सर्वे कहता है कि अपोजिट जेंडर से दोस्ती करने वाले लड़कों की संख्या लड़कियों से ज्यादा है.

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Published: 04 Apr 2017,09:16 PM IST

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