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अमेरिका स्थित एक निजी साइबर सुरक्षा कंपनी के अनुसार, एक भारतीय मीडिया समूह, एक पुलिस विभाग और देश के राष्ट्रीय पहचान डेटाबेस की देखरेख करने वाली एक एजेंसी को हैक किया गया, यह काम संभवतः एक राज्य प्रायोजित चीनी समूह द्वारा किया गया है.
मैसाचुसेट्स स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर (Recorded Future) के थ्रेट रिसर्च डिवीजन, इनसिक्ट ग्रुप (The Insikt Group) ने कहा कि हैकिंग समूह, जिसे फिलहाल में TAG-28 दिया गया है, ने हैकिंग के लिए Winnti मैलवेयर का उपयोग किया. यह मैलवेयर विशेष रूप से कई चीनी एक्टिविटी ग्रुप्स के साथ भी काम करता है.
चीनी अधिकारियों ने लगातार राज्य प्रायोजित हैकिंग के किसी भी रूप से इनकार किया है और कहा है कि चीन खुद साइबर हमलों का एक प्रमुख टारगेट है.
इस आरोप से भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है. दोनों देशों के संबंध, पहले से ही सीमा विवाद के कारण अच्छे नहीं हैं.
अपनी रिपोर्ट में इंसिक्ट ग्रुप ने सुझाव दिया कि साइबर हमले सीमा पर हो रहे संघर्षों और तनावों से संबंधित भी हो सकते हैं.
बेनेट कोलमैन के मुख्य सूचना अधिकारी राजीव बत्रा ने कहा कि, कंपनी को साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने वाली सरकारी एजेंसी CERT-In से संदिग्ध हैक के बारे में जानकारी मिली थी और कई हफ्ते पहले इसको रिस्पांड भी किया गया. कंपनी के इन्वेस्टिगेशन से पता चला कि 'यह नॉन सीरियस अलर्ट था और यह झूठा अलार्म था'.
इंसिक्ट ग्रुप ने कहा कि उसने मध्य प्रदेश राज्य के पुलिस विभाग से बेनेट कोलमैन की ही तरह ही ट्रांसफर किए गए लगभग 5 मेगाबाइट डेटा का भी निरीक्षण किया. बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जून 2020 में भारत के साथ सीमा पर संघर्ष के बाद, चीनी उत्पादों के बॉयकॉट करने के लिए लोगों से अपील की थी.
जांच कर रहे ग्रुप ने सुझाव दिया कि इस तरह के डेटाबेस का उपयोग हैकर्स द्वारा "हाई वैल्यू वाले टारगेट, जैसे कि सरकारी अधिकारियों, सोशल इंजीनियरिंग अटैक करने या अन्य डेटा स्रोतों को समृद्ध करने" की पहचान (Identify) करने के लिए किया जा सकता है.
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, "UIDAI के पास एक अच्छी तरह से डिजाइन, बहुस्तरीय मजबूत सुरक्षा प्रणाली है और डेटा सुरक्षा और अखंडता के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए इसे लगातार अपग्रेड किया जा रहा है."
रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि, हैक के सभी विक्टिम्स को रिपोर्ट पब्लिश होने से पहले ही सूचना दी गई थी और इसके सभी तथ्यों को भी उपलब्ध कराया गया था.
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