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Biparjoy Cyclone: इन दिनों सबसे ज्यादा अगर किसी शब्द की चर्चा है तो वह है 'बिपरजॉय'. बिपरजॉय साइक्लोन या बिपरजॉय चक्रवात इसके साथ ही अब एक और शब्द की चर्चा है वह है 'लैंडफॉल.' आइए जानते हैं कि आखिर चक्रवात का लैंडफॉल होता क्या है?
लैंडफॉल का आसान सा मतलब होता है 'जमीन पर गिरना' यानी भयानक और तेज स्पीड से आ रहा तूफान जब समुद्र तल से टकराता है तो ये स्थिति ही लैंडफॉल कहलाती है. चक्रवात लैंडफॉल के दौरान, चक्रवात की आईवॉल, जो कि सबसे तेज हवाओं और बारिश का क्षेत्र है वह तट पर आ जाती है. इस समय तूफान बारिश और हवा के रूप में जमीन पर अपना रौद्र रूप दिखाने लगता है.
आपको बता दें कि साइक्लोन लैंडफॉल उस वक्त होता है, जब एक ट्रॉपिकल चक्रवात (tropical cyclone), जमीन के साथ संपर्क बनाता है. ट्रॉपिकल साइक्लोन क्षेत्र के आधार पर हरिकेन या टाइफून के रूप में भी जाना जाता है.
कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में तबाही मचाने वाला चक्रवात बिपारजॉय आज राजस्थान की ओर बढ़ गया है, जालोर और बाड़मेर जिलों के कई इलाकों में आज भारी बारिश हुई है. आईएमडी ने जालोर और बाड़मेर के लिए "रेड" अलर्ट जारी किया है और क्षेत्रों में 200 मिमी से अधिक वर्षा हो सकती है.
चक्रवाती तूफान ने अपने लैंडफॉल के बाद तबाही के निशान छोड़े है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक इसने 5,120 बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचाया और 4,600 गांवों को बिजली से वंचित कर दिया है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि किसी भी इंसान को इससे नुकसान नहीं हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि 3,580 गांवों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है, जबकि 1,000 से अधिक गांवों में अभी भी बिजली नहीं है. लगभग 600 पेड़ उखड़ गए और तीन राज्य राजमार्गों पर यातायात की आवाजाही क्षतिग्रस्त होने और पेड़ों की कटाई के कारण ठप हो गई.
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