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चक्रवाती तूफान ताऊ ते "बहुत भीषण चक्रवाती तूफान" में बदल चुका है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह बात कही है. आईएमडी ने कहा है, ''इस तूफान के 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 18 मई की सुबह के आसपास पोरबंदर और महुवा के बीच इसे पार करने की बहुत आशंका है.''
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ताऊ ते के मद्देनजर राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने संबंधित राज्यों में 79 टीमों को तैनात/उपलब्ध कराया है और 22 अतिरिक्त टीमों को भी तैयार रखा गया है. बल के महानिदेशक एसएन प्रधान ने शनिवार को कहा था कि एनडीआरएफ की टीमें केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में कूच के लिए तैयार हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ताऊ ते के चलते पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए रविवार को संबंधित राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों/ संबंधित एजेंसियों की तैयारियों के आकलन के लिए महाराष्ट्र, गुजरात के मुख्यमंत्रियों, दमन और दीव और दादरा नगर हवेली के प्रशासकों के साथ बैठक की है.
इससे पहले बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने मुंबई से ताऊ ते के गुजरने की आईएमडी की चेतावनी के मद्देनजर 580 मरीजों को COVID-19 देखभाल केंद्रों से शिफ्ट कर दिया.
आईएमडी ने शनिवार को कहा था कि ताऊ ते और मजबूत हो गया है और यह गुजरात तट और केंद्र शासित प्रदेश दमन-दीव और दादरा-नगर हवेली तट की ओर बढ़ रहा है.
विभाग ने कहा था कि इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 18 मई की दोपहर के आसपास पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की आशंका है.
आईएमडी ने कहा था कि तूफान के शनिवार देर रात या रविवार तड़के मुंबई से कुछ दूरी से गुजरने की आशंका है, इसलिए ज्यादा नुकसान होने की आशंका नहीं है, लेकिन मुंबई, ठाणे और पालघर में तेज हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश हो सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चक्रवात ताऊ ते से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ एक अहम बैठक की और संबंधित अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
पीएमओ के बयान में कहा गया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं जबकि थल सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं.
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