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ओडिशा के कई जिलों में गंभीर चक्रवाती तूफान तितली के कारण हुई मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. खासकर गंजम, रायगढ़ और गजपति जिलों में स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है.
तितली के गुरुवार सुबह ओडिशा-आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर आने के बाद भारी बारिश से यहां कई इलाकों का संपर्क कट गया है.
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में चक्रवात से जानमाल के नुकसान पर शनिवार को दुख जताया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वो पीड़ितों की हर संभव सहायता करें. राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवात से मारे गए लोगों की खबर बेहद दुःख पहुंचाने वाली है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है. कांग्रेस पार्टी के साथियों से मेरा आग्रह है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें.''
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक चक्रवाती तूफान में आठ लोगों की मौत हो गयी. श्रीकाकुलम जिले में सात लोगों और विजयनगरम में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. तूफान के कारण दो मछुआरों के लापता होने की भी खबर है. उधर, ओडिशा के गजपति जिले में चक्रवात से हुई भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों के मरने की आशंका है जबकि चार लोग लापता हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि चक्रवाती तूफान तितली से सबसे ज्यादा नुकसान खेतों में खड़ी फसलों, सड़कों और पेड़ों को हुआ है. गंजम, गजपति और रायगढ़ा जिलों का हवाई सर्वे करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पैकेज का ऐलान करेंगे.
पटनायक ने हवाई सर्वे के बाद कहा, ‘‘मैं शनिवार शाम को बाढ़ के हालात पर मीटिंग बुलाऊंगा और प्रभावित लोगों के लिए पैकेज घोषित करुंगा.'' मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार तीन सदस्यीय मंत्री समिति ने भी तूफान और बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया.
ओडिशा के गजपति जिले में तितली तूफान के बाद हुई भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों के मरने की आशंका है और जबकि चार लोग लापता हैं. ये जानकारी विशेष राहत आयुक्त बीपी सेठी ने शनिवार को दी.
उन्होंने बताया कि ये घटना उस समय हुई जब शुक्रवार शाम भारी बारिश के बाद कुछ ग्रामीणों ने एक गुफानुमा जगह में शरण ली थी. सेठी ने बताया, ‘‘गजपति जिले के रायगडा प्रखंड के अन्तर्गत बरघारा गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण करीब 12 लोगों के मरने की खबर है.'
ओडिशा में चक्रवात ‘तितली' के कारण भारी बारिश से बाढ़ आने के कारण 60 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और प्रदेश सरकार ने तीन जिलों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ कर्मियों को तैनात किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी ओडिशा के तीन जिलों, गंजम, गजपति और रायगढ़ा में बाढ़ की स्थिति गंभीर हैं क्योंकि प्रमुख नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है.
चक्रवात के कारण इन जिलों में तीन दिनों में सबसे ज्यादा बारिश हुई. विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने कहा कि बालासोर जिले के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) को तैनात करने का फैसला एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया जहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया.
पटनायक ने नदी के टूटे तटबंधों की तुरंत मरम्मत पर जोर दिया और जिला कलक्टरों से राहत शिविरों में रह रहे लोगों को पका भोजन मुहैया कराने को कहा. गंजम जिले में 125 ग्राम पंचायतों के गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए नौसेना से दो हेलीकॉप्टरों की मांग की गई है. बाढ के कारण सड़कों के डूब जाने से इन गांवों का संपर्क राज्य के बाकी हिस्से से कट गया है.
चक्रवात 'तितली' के प्रभाव के कारण गुरुवार सुबह से झारखंड के कुछ जिलों में बारिश हुई. आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच आए तूफान के कारण झारखंड के रांची, जमशेदपुर और ओडिशा की सीमा से लगे हिस्सों में बारिश हुई है. मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में पारा तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर गया.
मौसम विभाग ने रांची, जमशेदपुर, सेराइकेला, पश्चिम सिंहभूम, खुटी और कुछ अन्य जिलों में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. देवघर, पाकुड़ और गोड्डा सहित संथाल परगना क्षेत्र के छह जिलों में बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने शुक्रवार को इन जिलों में 60-120 मिमी बारिश की भविष्यवाणी की है.
तूफान के चलते तीन लाख लोगों को अपने घरों को खाली करना पड़ा है. विस्थापितों के लिए कुल 1,112 राहत शिविर खोले गए हैं. गंजम में 105 गर्भवती महिलाओं और जगतसिंहपुर में 18 गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. गृह मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है.
भयावह तूफान तितली ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के तट को पार करने से पहले ओडिशा के गोपालपुर में सुबह दस्तक दी. गृह मंत्रालय ने एक बयान में यह बात कही. तूफान को श्रेणी दो के तूफान के रूप में माना जा रहा है. यह भी कहा गया कि "तूफान के कमजोर पड़ने के साथ हवाओं की रफ्तार भी कम होने के आसार हैं."
बयान के मुताबिक, "भयावह तूफान तितली ने श्रीकाकुलम जिले के पलासा के पास से आंध्र प्रदेश दक्षिण ओडिशा तट को दक्षिण-पश्चिम गोपालपुर की ओर पार किया. इसने तड़के 4.30 बजे से 5.30 बजे के बीच 140-150 किलोमीटर प्रतिघंटे से लेकर 165 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार हवाओं के साथ पार किया."
ओडिशा के अब तक प्रभावित जिलों में गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, भद्रक और बालासोर शामिल हैं.
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रायपुर रेल मंडल से होकर ओडिशा की ओर जाने वाली दो रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है. रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ प्रचार-प्रसार निरीक्षक शिव कुमार पंवार ने बताया कि तितली चक्रवात के मद्देनजर पूर्व तटीय रेलवे से संबंधित कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है.
पंवार ने बताया कि 11 अक्टूबर को विशाखापट्टनम से रायपुर आने वाली 58528 विशाखापट्टनम-रायपुर पैसेंजर रद्द रहेगी. 12 अक्टूबर को रायपुर से विशाखापट्टनम जाने वाली 58527 रायपुर-विशाखापट्टनम पैसेंजर रद्द रहेगी.
ओडिशा स्पेशल रिलीफ कमीशनर बी सेठी ने कहा, "तितली चक्रवात के बारे में चेतावनी जारी करने के बाद ही हमने कमजोर इलाकों की पहचान कर ली थी और लोगों को उन शेल्टर्स में भेज दिया गया था. हमारे पास राज्य भर में बहुत सारे शेल्टर्स हैं. 1100 से ज्यादा शेल्टर्स में हमने लोगों को भेजा है. ये एक बड़ा ऑपरेशन था."
झारखंड आईएमडी के डायरेक्टर बीके मंडल ने बताया, झारखंड में नॉर्थ-ईस्ट जिले तितली चक्रवात से प्रभावित हुए हैं. इन जगहों पर लगातार कल तक बारिश होते रहने की संभावना है.
विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र के ड्यूटी ऑफिसर श्रीनिवास ने बताया, जमीन धंसने के तुरंत बाद 140-150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगी. अब धीरे-धीरे इसकी रफ्तार कम हो रही है. अभी 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. आज शाम तक या आधी रात तक ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना है.
बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘तितली' ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश में 8 लोगों की जान ले ली और साथ ही श्रीकाकुलम जिले में बड़े स्तर पर तबाही मचाई. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने बताया कि तूफान के कारण श्रीकाकुलम जिले में भारी बारिश हुई जिससे सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए. जिले के कई मंडलों में दो सेंटीमीटर से लेकर 26 सेमी. तक बारिश दर्ज की गई. सड़क संपर्क भी बड़े पैमाने पर कट गया.
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने जिले के अधिकारियों के साथ टेली-कांफ्रेंस की और उन्हें हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है. नायडू ने कहा, ‘‘अब से हर घंटा बहुत महत्वपूर्ण है. ध्यान राहत कदमों और संचार नेटवर्क बहाल करने पर होना चाहिए. संक्रामक बीमारियों के फैलने से रोकने के लिए देखभाल की जानी चाहिए.''
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दलों को राहत और बचाव अभियानों के लिए श्रीकाकुलम और पड़ोसी विजयनगरम जिलों में तैनात किया गया है. एसडीएमए ने मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने के लिए टोल फ्री नंबर 18004250101 बनाया है जबकि तीन उत्तरी तटीय जिलों में नियंत्रण कक्ष चालू कर दिए गए हैं.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में तितली तूफान के चलते भारी बारिश हो रही है.
ओडिशा के गोपालपुर में गुरुवार को 126 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ तूफान तितली ने दस्तक दी है. अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान तितली दक्षिणी ओडिशा -उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों को पार कर गया है जिससे ओडिशा के आठ जिलों गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, भद्रक और बालासोर में भारी बारिश हुई और कई पेड़ उखड़ गए. तीन लाख लोगों को यहां से सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ रहा है.
ओडिशा के मुख्य सचिव आदित्य पाधी ने सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ियों को गुरुवार और शुक्रवार को बंद रखे जाने की घोषणा भी की है.