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चक्रवाती तूफान ‘फानी’ के बाद अब ‘वायु’ आंखें दिखा रहा है. अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान ‘वायु’ भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है. इसका खौफ महाराष्ट्र से लेकर गुजरात के कई इलाकों में है. आलम ये है कि चार राज्यों में इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है.
सेना से लेकर NDRF तक ने कमर कस ली है. तूफान के साथ-साथ भारी बारिश भी कहर बरसाने को तैयार है, मतलब इस तूफान की वजह से कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है.
ये तूफान कितनी बड़ी तबाही मचा सकता है? कितने लोग इस तूफान की जद में आ सकते हैं? क्या इससे निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है? इस तूफान के बारे में इन सवालों के जवाब नीचे पढ़िए.
1. वायु का खतरा-कहां से शुरू, कहां तक जाएगा?
अरब सागर में हवा के कम दबाव की स्थिति के कारण चक्रवाती तूफान ‘वायु’ शुरू हुआ. मौसम विभाग का अनुमान है कि यह चक्रवाती तूफान 13 जून को दोपहर पोरबंदर और महुआ से होता हुआ गुजरात के वेरावल और दीव के बीच समुद्र पट को पार करेगा. इस दौरान 140-150 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
2. क्यों खतरनाक है वायु तूफान?
किसी तूफान का दहशत तब होता है, जब इसके कारण हवा 150 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार से चले. एक्सपर्ट के मुताबिक, वायु के 165 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरात के तट पर पहुंचने की आशंका है.
3. किन राज्यों पर पड़ेगा असर?
इस तूफान का सबसे बड़ा खतरा गुजरात को है. पहले महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भी खतरा बताया जा रहा था, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक अब महाराष्ट्र के लिए राहत की खबर है, शहर में हल्की बारिश होगी और हवा की गति में बढ़ोतरी हो सकती है.
‘वायु’ का असर कर्नाटक और गोवा में भी पड़ने की संभावना है.
बताया जा रहा है कि चक्रवात वायु गुजरात के कच्छ, जामनगर, जूनागढ़, देवभूमि-द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, अमरेली, भावनगर, और गिर-सोमनाथ जिलों को प्रभावित कर सकता है.
4. कितने लोगोें को खतरा?
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने मीडिया को बताया कि सौराष्ट्र इलाके के 10 जिलों के 408 गांवों में रहने वाली तकरीबन 60 लाख की आबादी के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है. इस बीच तकरीबन 3 लाख लोगों का रेस्क्यू कराने के लिए सेना और NDRF ने कमर कस ली है. इसको देखते हुए सभी बंदरगाहों पर अलर्ट जारी किया गया है. मछुआरों को समुद्र में न जाने का आदेश दिया गया है.
5. वायु से निपटने के लिए कितनी तैयार है सरकार?
-गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को चक्रवात वायु के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया.
-राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने 26 टीमों को किया तैनात. हर टीम में करीब 45 कर्मी, बचाव दल नावों, टेलीकॉम इक्विपमेंट्स जैसी जरूरी चीजों से लैस हैं.
6. वायु : कितनी तैयार एयरफोर्स?
-लोगों की मदद के लिए सर्विलांस एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं.
-मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर और लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है. इन हेलिकॉप्टरों को आपदा से निपटने के उपकरणों से लैस किया गया है.
-रडार और सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम को भी दूरदराज के इलाकों में तैनात किया जा रहा है, ताकि राहत और बचाव कार्य को आसानी से अंजाम दिया जा सके.
8. वायु अभी कहां है?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) मुंबई के उप महानिदेशक (DDG) केएस होसलिकर के मुताबिक भयंकर चक्रवाती तूफान वायु अब मुंबई से 280 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में है. उत्तर महाराष्ट्र के तट पर हवाएं बुधवार को 70-60 किमी प्रति घंटा से 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है.
मौसम विभाग के आधिकारिक ट्वीट के मुताबिक चक्रवाती तूफान ‘वायु’ पिछले 6 घंटे में पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर उत्तर की ओर बहुत गंभीर तरीके आगे बढ़ा है.
9. मॉनसून पर क्या पड़ेगा असर
मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक ‘वायु’ तूफान की वजह से भारत के बाकी हिस्सों में मानसून की बारिश में भी देरी हो सकती है, क्योंकि तूफान समुद्र के ऊपर से बारिश के बादल खींच रहा था. ऐसे भी केरल के दक्षिणी तट पर मॉनसून की शुरुआत इस साल लगभग एक सप्ताह देर से हुआ था.
9. ‘वायु’ इफेक्ट: व्यापार पर पड़ेगा असर
बता दें कि गुजरात बड़ी रिफाइनरियों और समुद्री बंदरगाहों का घर है और ये सब तूफान के रास्ते में आ सकते हैं. अडानी पोर्ट, रिलायंस रिफाइनरी, रूस की नायरा एनर्जी जैसे तमाम इंडस्ट्री गुजरात के समुद्री तटों पर मौजूद है, जिसे ‘वायु’ तूफान की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
10. ‘वायु’ कब हमला बोलेगा?
मौसम विभाग का अनुमान है कि यह चक्रवाती तूफान 13 जून को दोपहर पोरबंदर और महुआ से होता हुआ गुजरात के वेरावल और दीव के बीच समुद्र पट को पार करेगा.
मौसम विभाग के मुताबिक यह गुरुवार सुबह गुजरात के तटीय इलाकों में दस्तक देगा. इस दौरान 140-150 से लेकर 165 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
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