Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Quint Special: बग्‍घी पर निकली दलित की बारात, ठाकुरों को था एतराज

Quint Special: बग्‍घी पर निकली दलित की बारात, ठाकुरों को था एतराज

संजय के घोड़ी चढ़ने और बारात का जुलूस ले जाए जाने पर ऊंची जाति वालों को था एतराज

ऐश्वर्या एस अय्यर
भारत
Updated:
(फोटो: ऐश्वर्या एस अय्यर)
i
null
(फोटो: ऐश्वर्या एस अय्यर)

advertisement

यूपी में कासगंज के निजामपुर की दलित लड़की शीतल की शादी हाथरस के बसई बाबा गांव के संजय जाटव से धूमधाम से हुई. ये पहला मौका था जब निजामपुर में कोई दलित बग्घी पर चढ़कर जुलूस के साथ गांव में बारात लेकर पहुंचा.

गांव के ऊंची जाति के लोग दलित की शादी में घोड़ी और जुलूस के विरोध में थे. करीब 6 महीने से ये तनाव जारी था. लेकिन प्रशासन के बीच-बचाव के बाद शादी सही से हो पाई.

मामला सुर्खियों में आने के बाद खुद डीजीपी ने सुरक्षा का वादा किया था. शादी के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया. इस मौके पर द क्विंट भी हाथरस पहुंचा. एडिशनल एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी ने द क्विंट से कहा, ठाकुरों और दलितों के बीच आपसी समझौता होने के बाद सबकुछ सही से हो गया.

(फोटो: ऐश्वर्या एस अय्यर)
शनिवार को हमारे पास लिमिटिड फोर्स (14) थी. लेकिन रविवार को करीब 50 पुरुष और महिला पुलिस ऑफिसरों के दो दल मौजूद रहे. इसके अलावा दो पुलिस चेक पॉइंट भी बनाए गए. एक जहां पर खाने की व्यवस्था थी और दूसरा हाइवे के पास जहां से गांव में अंदर घुसने का रास्ता है.
पवित्र मोहन त्रिपाठी, एडिशनल एसपी

एसपी ने बताया कि पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था इस इलाके में 17 तारीख की सुबह तक रहेगी, जब तक शादी समारोह खत्म नहीं हो जाता.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दलित लड़की शीतल क्यों है खुश?

शादी के बंधन में बंधने से पहले शीतल ने खुशी जाहिर की और साथ ही थोड़ी निराशा भी. शीतल ने द क्विंट से बातचीत में कहा, “मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि मेरा 6 महीने का सपना आज पूरा हो रहा है. लेकिन मुझे डर भी हैं कि कहीं दंगे न हो जाए.”

पहली बार दलित चढ़ा घोड़ी

संजय के परिवार वालों में खुशी का माहौल साफतौर पर दिखा. दूल्हे संजय ने क्विंट से बातचीत में बताया,

मुझे इस पूरे संघर्ष में काफी अच्छा महसूस हुआ. 21 वीं सदी में पहली बार कोई दलित उस गांव में घोड़ी चढ़कर जाएगा. 6 महीने पहले हम लोगों को किसी तरह की खुशी नहीं थी. लेकिन आज हम खुशी का इजहार कर रहे हैं.
<b>द क्विंट से बातचीत में संजय</b>

संजय की बहन ने खुशी जाहिर करते हुए बताया:

<b>बड़े लोग नीची जाति वालों को कुछ नहीं समझते. पानी भरने नहीं जाने देते थे, शादी नहीं करने देते थे, बारात नहीं चढ़ने देते थे, छुआछूत थी. लेकिन आज हमारे भाई ने सब खत्म कर दिखाया. मुझे बहुत खुशी है.</b>
<b>संजय की बहन</b>

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 15 Jul 2018,03:10 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT