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आतंकवादियों के साथ सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार किए गए जम्मू-कश्मीर के बर्खास्त DSP देविंदर सिंह की जांच का मामला NIA के पास है. इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक और खुलासा किया है. जम्मू-कश्मीर को जानकारी मिली है कि देविंदर सिंह ने जनवरी-फरवरी 2019 में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक की जम्मू में रुकने की मदद की थी.
एक दिन पहले बुधवार को एनआईए ने श्रीनगर में देविंदर सिंह के घर पर फिर से छापे मारे थे. सिंह को 11 जनवरी को एक गाड़ी में दो आतंकवादियों- नावेद बाबू और रफी अहमद के साथ ही एक वकील इरफान अहमद को जम्मू ले जाते समय पकड़ा गया था. वह कथित रूप से इरफान के साथ पाकिस्तान यात्रा करने में मदद करने के लिए नावेद बाबू को जम्मू ले जा रहे थे.
देविंदर सिंह, जो श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एंटी-हाइजैकिंग स्कवाड में तैनात थे. सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उसे सम्मान के तौर पर दिए गए पदक और प्रमाण पत्र भी वापस ले लिए.
देविंदर सिंह के मामले पर बवाल के बीच 2001 संसद हमले मामले में फांसी पर लटकाए जा चुके अफजल गुरू का भी उनके साथ कनेक्शन सामने आ रहा है.
'द वायर' की रिपोर्ट के मुताबिक, अफजल गुरू ने अपने एक खत में एक पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का नाम लिया था, लेकिन उनकी संसद हमले में भूमिका की कोई जांच नहीं हुई थी.
सिंह के हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने भी ट्विटर पर लिखा कि अफजल ने अपने खत में देविंदर सिंह नाम के अधिकारी का जिक्र किया था और अब सिंह के 'आतंकियों के साथ पकड़े जाने की खबर आई है."
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