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अमानवीय: डेढ़ महीने बाद मिला इकलौते बेटे का शव, पुलिस बांस में टांगकर ले गई

बच्चे के पिता ने कहा कि, अगर पुलिस ध्यान देती तो उसका बेटा बच जाता

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>बिहारः डेढ़ महीने बाद मिला इकलौते बेटे का शव, पुलिस बांस में टांगकर ले गई</p></div>
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बिहारः डेढ़ महीने बाद मिला इकलौते बेटे का शव, पुलिस बांस में टांगकर ले गई

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बिहार(Bihar) के नवादा जिले के पकरीबरावां थाना क्षेत्र के ज्यूरी गांव से डेढ़ महीने से लापता 5 वर्षीय मासूम का गुरुवार को शव मिला. गांव स्थित एक निर्माणाधीन शौचालय की टंकी से बच्चे का शव पुलिस ने बरामद किया है. शव पूरी तरह गल चुका था, जिसे टंकी से निकालकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि अपहरण के कुछ ही दिन बाद बच्चे की हत्या कर दी गई थी. दरअसल शाम को खेल रहे कुछ बच्चों ने टंकी में कुछ तैरते देखा. सुबह इसकी सूचना परिजनों तक पहुंची. सूचना मिलने के बाद परिजनों ने तत्काल इसकी जानकारी पकरीबरावां पुलिस को दी, जिसके बाद पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा के साथ पहुंची पुलिस ने डेड बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

बता दें कि 28 जनवरी को ज्यूरी निवासी मो. तालिब के 5 वर्षीय पुत्र मो. अबू तालिब का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह घर से बाहर खेलने निकला था. काफी खोजबीन के बाद जब उसका कोई पता नहीं चला, तब मृतक मासूम की मां रुखसार परवीन ने उसी शाम उसके अपहरण की एफआईआर पकरीबरावां थाना में दर्ज कराई थी.

परिजनों ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप 

मासूम मृतक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे बच्चे की मौत पुलिस की लापरवाही का परिणाम है.परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस अपने कार्यों में थोड़ी सी भी इमानदारी दिखाती तो आज मासूम जिंदा होता और अपराधी सलाखों के पीछे होते.

मृतक के पिता मो. वाहिद ने बताया..बच्चे की बरामदगी के लिए कई बार थाने का चक्कर लगाया, परंतु आईओ मनीष कुमार एवं अन्य पुलिस वालों द्वारा जांच जारी है, कहकर टाल दिया जा रहा था. कई बार एसडीपीओ के पास भी गए, परंतु उन्होंने भी इसे हल्के में लिया.

परिजनों ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप

Photo-The Quint

उन्होंने बताया कि जब पकरीबरावां थाना एवं एसडीपीओ कार्यालय का चक्कर लगाते थक गए तब जिले की एसपी के पास गए. एसपी से बच्चे की शीघ्र खोजबीन के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई थी, परंतु वहां भी उन्हें महज आश्वासन ही मिला. परिजनों ने बताया कि पुलिस को कुछ अहम सुराग भी उनके द्वारा दिए गए, परंतु पुलिस चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. कुल मिलाकर कहें तो पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. नतीजा अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए.

धरना- प्रदर्शन के बाद पहुंची थी टेक्निकल टीम

बच्चे की बरामदगी के लिए पुलिस की लापरवाही को देखते हुए परिजन अंततः धरना प्रदर्शन पर बैठ गए. मंगलवार को परिजन एवं ग्रामीणों ने पकरीबरावां थाना परिसर में धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया था. पुलिस की लापरवाही एवं बच्चे की शीघ्र बरामदगी को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन के बाद टेक्निकल बुधवार को दिन में ज्यूरी पहुंची थी. इस बीच टेक्निकल टीम ने मामले को जांच करते हुए कुछ लोगों से पूछताछ की थी. गुरुवार की सुबह डेड बॉडी को शौचालय की टंकी से बरामद किया गया.

पुलिस बांस में टांग कर ले गई बॉडी

बच्चे की शव बरामदगी के बाद पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला. शौचालय की टंकी से शव निकालने के बाद पुलिस उसे स्ट्रेचर पर ले जाने की जगह बांस में टांगकर ले गई. एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा की मौजूदगी में थानाध्यक्ष नागमणि भास्कर ने बांस में टांगकर बॉडी ले जाने को कहा, जिसके बाद दो व्यक्तियों द्वारा बॉडी टांगकर ले जाई गई.

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बॉडी को इस तरह बांस में टांगकर ले जाने को समाजसेवी कमरूलवारी धमौलवी ने मानवाधिकार का उलंघन बताया. कहा पकरीबरावां पुलिस पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बांस में टांगकर ले जाते फोटो एवं वीडियो बनाई गई है. इसकी शिकायत मानवाधिकार समेत कई सामाजिक संगठनों से की जाएगी

डीएसपी मुकेश कुमार ने कहा कि ज्यूरी से 28 जनवरी को लापता हुए मो. वाहिद के 5 वर्षीय पुत्र मो. अबू तालिब का गुरुवार की सुबह ज्यूरी में ही एक निर्माणाधीन शौचालय की टंकी से डेड बॉडी मिली है. उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस बच्चे की मौत से जुड़े मामले में विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है. इस मामले में संलिप्त अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

बुझ गया घर का इकलौता चिराग

ज्यूरी गांव में पांच वर्षीय मासूम मो. अबू तालिब की हत्या से मो. वाहिद के घर का चिराग बुझ गया. मृतक बालक मो. वाहिद का इकलौता पुत्र था. उसकी मां रुखसार की गोद में एक 8 माह की बच्ची है, जिससे उसका भाई छिन गया. उसकी मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता फफक-फफक कर रोते हुए पुत्र की मौत का हाल बता रहे थे. मां रुखसार का भी रो-रोकर बुरा हाल था. वह कभी दहाड़े मार रोती तो कभी पुलिस की लापरवाही को लेकर अक्रोशित होती.

2010 से अबतक 5 बच्चों की हो चुकी है हत्या

ज्यूरी में बच्चों की किडनैपिंग के बाद हत्या का यह कोई पहला मामला नहीं है. अबतक पांच बच्चों की हत्या हो चुकी है. यह आकंड़ा वर्ष 2010 से लेकर अबतक का है. अबतक के मामलों में पुलिस कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर सकी है. दुखन पासवान के 9 वर्षीय पुत्र गौतम कुमार की आजतक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली है. नहर के उस पार बोरिंग के पास मसूर के खेत में उसका शव मिला था.अब देखना होगा कि पुलिस मासूम अबू तालिब की हत्या मामले का राजफाश कैसे करती है.

इनपुट-अमन कुमार

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