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असम: रामदेव के पतजंलि प्रोजेक्ट की साइट पर हथिनी की मौत

हर साल भारत में हाथी सैकड़ों लोगों को मार देते हैं. वहीं करीब 50 हाथियों की भी जान चली जाती है.

द क्विंट
भारत
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कंस्ट्रक्शन साइट में एक गड्ढे में गिरे हाथी (Photo: PTI)
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कंस्ट्रक्शन साइट में एक गड्ढे में गिरे हाथी (Photo: PTI)
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असम में योगगुरु रामदेव के पतजंलि हर्बल और मेगा फूड पार्क की कंस्ट्रक्शन साइट पर एक हथिनी की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए.

बताया जा रहा है कि हथिनी का एक बच्चा 10 फुट गहरे गड्ढे में गिर गिया. उसके बाद हथिनी भी उसमें गिर गई, जिससे उसका पैर फ्रैक्टर हो गया.

उसके बाद दूसरे हाथी के उस गड्ढे में गिरने से हथिनी के सिर में भी गहरी चोट आई. उसको बचाने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन घंटों गड्ढे में पड़े रहने की वजह से उसकी मौत हो गई.

पतजंलि का यह प्रोजेक्ट 1000 करोड़ रुपये की लागत से काजीरंगा नेशनल पार्क के पास बनाया जा रहा है. 150 एकड़ का यह इलाका पर्यावरण के नजरिए से संवेदनशील है.

यह काफी दुखद घटना है. ऐसा लगता है कि जो क्षेत्र पतजंलि को दिया गया, उस कोरिडोर में हाथियों की आवाजाही होती है. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि यहां दशकों से हाथियों की आवाजाही है. मैंने अपने विभाग को कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए कहा है.
प्रमि‍ला रानी ब्रह्म, वन मंत्री, असम 

हाथी अपने खाने-पीने की तालाश में काफी लंबा रास्ता तय करते हैं और ये रास्ता इनका कोरि‍डोर कहलाता है. इन कोरि‍डोर में या इनके पास किसी तरह का कंस्ट्रक्शन करने से हाथियों का टकराव इन्सानों से होता है. हर साल भारत में हाथी सैकड़ों लोगों को मार देते हैं. वहीं करीब 50 हाथियों की भी जान चली जाती है.

पतजंलि के एक प्रतिनिधि ने बताया कि संस्था को हाथियों की आवाजाही के बारे में पता था, इसलिए साइट के आसपास जानवरों को देखने के लिए लोग लगाए गए थे, लेकिन वो घटना को रोक नहीं सके. उन्होंने बताया कि पतजंलि एक हर्बल गार्डन भी बनाने की तैयारी कर रहा है, जो कि हाथियों को शरण देगा.

(इनपुट्स Janta Ka Reporter और Indian Express से)

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Published: 25 Nov 2016,10:10 PM IST

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