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ये है दिल्ली का वो बाजार, जहां वजन के हिसाब से बिकती हैं कारें 

कई तरह की पुरानी कारों को यहां बेचा जाता है... 

नतीशा मल्‍ल‍िक
भारत
Published:
मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया जहां पूरी दिल्ली की पुरानी कारों को नष्ट किया जाता है
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मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया जहां पूरी दिल्ली की पुरानी कारों को नष्ट किया जाता है
( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)

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मायापुरी इंडस्ट्रियल ऐरिया वो जगह जहां पूरे दिल्ली की कारों को नष्ट किया जाता है. वो कारें जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है. डीजल कारें जो 10 साल पूरानी हों और वो पेट्रोल कारें जो अगले पांच साल और इस्तेमाल की जा सकती हों उन्हें यहां कबाड़ में बेच दिया जाता है.

यहां मैंने कबाड़ में बिकी कार देखी जो कि हरजीत सिंह नाम के एक शख्स को 17,000 हजार में बेची गई थी. हरजीत ये मार्केट 90 के दशक से चला रहे हैं. उन्होंने बताया रोजना यहां कई कारें बिकने के लिए आती हैं. अमूमन चार-पांच कारें रोज बिकने आती हैं.

विनोद कुमार मायापुरी के जंकयार्ड में सेंट्रो कार के पुर्जों को अलग करने का काम करते हैं( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
सभी प्लास्टिक के हिस्सों को आमतौर पर वो लोग ले लेते हैं जो कार के हिस्सों को नष्ट करते हैं( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार से CNG सिलेंडर को निकाला जा रहा है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार के टायरों और इंजन को निकाला जा रहा है. ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
वर्कर कार के पुर्जें निकालने के लिए उसे पलट  रहे हैं( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)

23 साल के विनोद कुमार महज 15 साल के थे, तब से वो मायापुरी के जंकयार्ड में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं.उन्हें इस काम को सीखने में तीन महीने लगे.

सेंट्रो कार को पलट कर उसने में पुर्जे निकालते विनोद कुमार ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
पुरानी गाड़ी बेचने वालों को कानूनी झमेले से बचाने के लिए चेसिस नंबर दे दिया जाता है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
सेंट्रो गाड़ी का इंजन अलग रखा हुआ है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कारों की सीटें, प्लास्टिक का सामान, इलेक्ट्रिक वायर्स को अलग करके बेच दिया जाता है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
गाड़ी को नष्ट करने से पहले सैंट्रो गाड़ी को लोड किया जा रहा है ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
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गाड़ी की मेटल बॉडी नष्ट किए जाने का इंतजार कर रही है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)

कार के सभी पार्टस निकालने के बाद कार की मेटल बॉडी को धर्म-कांटा ले जाया जाता है जहां उसका वजन लिया जाता है. विनोद ने बताया कि कार की बॉडी को 10 रूपये किलो के हिसाब से बेचा जाता है.

जो सेंट्रो कार मेरे सामने पड़ी थी उसका वजन 574किलो था.

धर्म-कांटे में कार के पुर्जों का वजन बताती मशीन ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार की मेटल बॉडी को नष्ट करने के लिए ले जाया जा रहा है  ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
यहां से कार को कटिंग और प्रेसिंग के लिए ले जाया जाता है,जहां कई वर्कर्स कार को छोटे-छोटे  टुकड़ों में  काटते हैं. ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार के अंदर का नजारा ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार को गैस कटर से काटा जा रहा है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
वर्कर मेटल बॉडी को ले जा रहे हैं ( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
कार को नष्ट करने के लिए उसके टुकड़ों को एक साथ रखा जा रहा है( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)
वर्कर कार के टुकड़ों के ले जाते हुए( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)

कार को प्रेस करके उसे क्यूब में बदल दिया जाता है

कार की रद्दी मेटल बॉडी( फोटो: Natisha Mallick/The Quint)

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