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इंग्लैंड में कैंटरबरी के आर्कबिशप रेवरेंड जस्टिन वेल्बी मंगलवार को जलियांवाला बाग पहुंचे. यहां उन्होंने ब्रिटिश काल में हुए नरसंहार पर "गहरा दुख" जताया. आर्कबिशप ने जलियावाला बाग की चौखट पर दंडवत होते हुए कहा कि वह इस घटना पर बेहद शर्मसार हैं. ईश्वर से माफ कर देने की प्रार्थना करते हुए आर्कबिशप ने इस घटना पर बार-बार दुख जताया.
बता दें, साल 1919 में बैसाखी के मौके पर अमृतसर के जलियावाला बाग में सैकड़ों लोग जमा हुए थे. इस दौरान जनरल डायर के आदेश पर ब्रिटिश इंडियन आर्मी के जवानों ने जलियावाला बाग में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. आधिकारिक आकंड़ों के मुताबिक, इस नृशंस हत्याकांड में 350 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
आर्कबिशप ने विजिटर बुक में लिखा, ‘यहां मैं लोगों के दुख को महसूस करने और ब्रिटिश लोगों की गोलियों से मारे गए लोगों की मौत पर पछतावा व्यक्त करने आया हूं.’
उन्होंने लिखा, ‘इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि हम इतिहास से सीख लें और घृणा को जड़ से खत्म कर सकें. आपसी सामंजस्य को बढ़ावा दें और विश्व स्तर पर लोगों की भलाई के लिए काम करें.''
जलियांवाला बाग के अंदर तमाम लोगों की मौजूदगी में आर्कबिशप ने प्रार्थना की और जघन्य कृत्य के लिए भगवान से क्षमा मांगी. बता दें, आर्कबिशप भारत के 10-दिन के दौरे पर हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान वेल्बी ने कहा-
आर्कबिशप से जब ये पूछा गया कि क्या वे ब्रिटिश सरकार से जलियावाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगने के लिए कहेंगे. इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं जो महसूस करता हूं, वह स्पष्ट है और ये इंग्लैंड में भी ब्रॉडकास्ट होगा.’
नरसंहार को सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए आर्कबिशप ने कहा, "मैं ब्रिटिश सैनिकों के हाथों हुए इस नरसंहार के लिए दुख और पश्चाताप जताने आया था. मैं फिर से बता दूं कि मैं सरकार से बात नहीं कर सकता, लेकिन मैं यहां किए गए पाप के लिए पश्चाताप कर सकता हूं."
बता दें, जलियावाला बाग नरसंहार कांड को सौ साल से भी ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन ब्रिटिश सरकार ने अब तक इस नृशंस हत्याकांड के लिए माफी नहीं मांगी है.
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