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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 16 जुलाई को कांग्रेस नेता एके एंटनी (AK Antony) और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की और चीन के साथ सीमा पर स्थिति (China Border Row) को लेकर उन्हें जानकारी दी. एंटनी और पवार रक्षा मंत्री रह चुके हैं. ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस बैठक में CDS जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद रहे.
राजनाथ सिंह और दो पूर्व रक्षा मंत्रियों की ये बैठक 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले हुई है. संसद सत्र से पहले और चीन के साथ जारी तनाव के बीच इसे सरकार का आउटरीच कदम बताया जा रहा है.
तब से अब तक चीन के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील को छोड़कर चीनी सेना अभी बाकी और जगहों से पीछे नहीं हटी है.
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संसदीय रणनीति बैठक में पार्टी ने मानसून सत्र में चीन के साथ सीमा विवाद को उठाने का फैसला किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 14 जुलाई को केंद्र सरकार पर चीन को लेकर हमला बोला था. राहुल ने बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट साझा की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच फिर झड़प हुई है.
हालांकि, भारतीय सेना ने इस रिपोर्ट को 'गलत और निराधार' बताया था.
14 जुलाई को ही रक्षा मामलों की स्थायी संसद समिति की बैठक में कथित रूप से चीन और अफगानिस्तान का मुद्दा उठाने की इजाजत न मिलने पर राहुल गांधी ने वॉकआउट कर दिया था. बैठक का एजेंडा 'कैंटोनमेंट बोर्ड की वर्किंग का रिव्यू' था. इस समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद जुआल ओराम हैं.
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