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राष्ट्रीय राजधानी में हवा की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही वायु की गुणवत्ता शनिवार को खराब हो गई. दिल्ली में हवा का स्तर बेहद खराब की कैटेगरी से महज एक पॉइंट दूर है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पड़ोसी राज्यों में पराली को जलाना ही बताया जा रहा है. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अपने खेतों में पराली जलानी शुरू कर दी है और इसका सीधा असर दिल्ली की हवा पर पड़ रहा है. मौसम विभाग की मानें तो रविवार को हवा का स्तर और ज्यादा घटेगा.
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एवं वेदर फॉरकास्टिंग और रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, शनिवार शाम चार बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 था जो खराब की श्रेणी में आता है. यह ‘बहुत खराब' की श्रेणी से सिर्फ एक पॉइंट दूर है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘बहुत खराब' रिकॉर्ड किया गया है.
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 243 और पीएम 2.5 का स्तर 122 रिकॉर्ड किया गया है. अधिकारियों ने आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और खराब होने का अंदेशा जाहिर किया है. पीएम 2.5 के स्तर के रविवार को बहुत खराब स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई गई है. सीपीसीबी आगामी सर्दी के मौसम में प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है. सर्दियों में दिल्ली वायु गुणवत्ता आमतौर पर खराब स्थिति में रहती है. इस बीच नासा ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा है कि बीते 10 दिनों में अमृतसर,अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार के आसपास पराली जलाना काफी बढ़ गया है.
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