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दिल्ली के 36 में से 16 इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब

देश की राजधानी दिल्ली का आधा से अधिक हिस्सा जहां बेहद खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहा है

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने लिया फैसला
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने लिया फैसला
(फाइल फोटोः PTI)

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देश की राजधानी दिल्ली का आधा से अधिक हिस्सा जहां बेहद खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहा है, वहीं रविवार को दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा की ओर से हवाएं दिल्ली आएंगी. ऐसे में पराली जलाने से उठने वाला धुआं मुसीबत बनता जाएगा.

वहीं फरीदाबाद में हवा की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों के मुकाबले 25 गुणा अधिक प्रदूषित पाई गई. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड केंद्र (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे पीएम 2.5 का स्तर 1,515 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया, जो शाम तीन बजे गिरकर 1,295 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गया.

हवा में पीएम 2.5 का स्तर अपने देश के हिसाब से 60 यूनिट और अंतरराष्ट्रीय मानक के मुताबिक 25 यूनिट होनी चाहिए.अधिकारियों को हालांकि भरोसा है कि सुबह के दौरान लिए गए आंकड़ों में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी हो सकती है.

दिल्ली में 36 में से 16 इलाकों की हालत बदतर

इस बीच दिल्ली के 36 में से 16 इलाकों में रविवार सुबह से शाम तीन बजे तक लगातार वायु गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई. इन 16 इलाकों में वायु प्रदूषण पर निगरानी रखी जाती है. दिल्ली के कुल 18 इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई. 36 में से केवल दो इलाकों में वायु गुणवत्ता सामान्य से खराब पाई गई है.

दिल्ली में द्वारका, आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, बवाना, मथुरा रोड, दिल्ली टेक्निकल विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैंपस, पंजाबी बाग, आर.के. पुरम, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर सबसे प्रदूषित इलाके हैं. CPCB के मुताबिक, दिवाली तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे और उसके बाद प्रदूषण और खराब होता सकता है.

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