advertisement
आम आदमी पार्टी की सरकार ने सोमवार को दिल्ली का दूसरा आम बजट पेश किया. इस बजट की रूपरेखा को देखकर लगता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के लिए इस बजट में एजुकेशन, ट्रांसपोर्ट और हेल्थ सेक्टर को खूब वरीयता दी.
केजरीवाल के शब्दों में कहें, तो इस बजट की खासियत यह रही कि इसमें कोई चीज महंगी नहीं की गई और कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया.
बहरहाल, बजट पेश करते वक्त सबसे बड़ा ऐलान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने किया. ऐसा ऐलान, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. सिसोदिया ने कहा कि पिछले बजट में दिल्ली सरकार ने टिंबर पर VAT (मूल्य वर्धित कर) की दर 12.5 पर्सेंट से कम करके 5 पर्सेंट की गई थी. इसी तर्ज पर कई आइटमों पर इस बार भी VAT की दर 12.5 पर्सेंट से कम करके 5 पर्सेंट किया गया है. दिल्ली सरकार कोशिश करेगी कि साल-दर-साल टैक्स की दरें कम करती रहे.
इस बजट में VAT घटने से कई चीजों के दाम घटे हैं, तो कुछ चीजों को पहली बार VAT के अंतर्गत लाया गया है. मसलन, टेक्सटाइल और फुटवियर की सभी आइटम अब VAT के दायरे में आ जाएंगी और इनपर 5 पर्सेंट टैक्स लगेगा. जबकि फैब्रिक के कुछ आइटमों पर अब तक 0 से 1 पर्सेंट ही टैक्स लगता था.
इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट पर भी VAT का प्रपोजल है. अब सभी तंबाकू प्रॉडक्ट्स (गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, खैनी, जर्दा) पर VAT लगाने का प्रस्ताव किया गया है.
दिल्ली सरकार के सामने एक समस्या आ रही थी. वह यह कि बहुत सारे आइटम पर दिल्ली में VAT ज्यादा था और पड़ोसी राज्यों में कम. इसके चलते सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा था. टैक्स चोरी भी हो रही थी.
दूसरे राज्यों को इस VAT का फायदा हो रहा था. इसे दूर करने के लिए अब टैक्स की दरों को बदला गया है. इन दरों को हरियाणा और यूपी के बराबर करने की कोशिश की गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)