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दिल्ली में मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी का मामला जोर पकड़ता जा रहा है. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के आरोपी और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने बुधवार को जामिया नगर थाने में सरेंडर किया. अमानतुल्लाह ने सरेंडर से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये बीजेपी और कांग्रेस की साजिश है. वहीं अमानतुल्लाह के सरेंडर पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्होंने अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है. क्योंकि मामला जामिया नगर थाना का नहीं है. उनके खिलाफ केस उत्तरी दिल्ली में दर्ज है.
इससे पहले बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को हिरासत में लिया था. जैन को उनके महारानी बाग स्थित आवास से हिरासत में लिया गया था. लेकिन 3 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने वीके जैन को छोड़ दिया.
जैन को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की शिकायत के आधार पर हिरासत में लिया गया था. प्रकाश ने दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि सीएम आवास पर बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें वीके जैन ने ही फोन किया था.
वहीं, मंगलवार रात दिल्ली पुलिस ने इस मामले में AAP विधायक प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार कर लिया था.
बता दें कि मंगलवार सुबह मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों पर कथित तौर पर हाथापाई करने का आरोप लगाया था. मुख्य सचिव का कहना है कि सोमवार रात उन्हें सीएम आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया था. इसी दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई . हालांकि, सीएम ऑफिस ने मुख्य सचिव के इन आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया है.
मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में आप विधायक प्रकाश जरवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें देवली स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया. दिल्ली पुलिस ने मुख्य सचिव की शिकायत के आधार पर अमानतुल्लाह खान और अन्य के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी.
इससे पहले, देवली के विधायक जरवाल और अंबेडनगर के आप विधायक अजय दत्त ने दावा किया कि मुख्य सचिव ने जातिसूचक टिप्पणियां कीं थीं. उन्होंने अधिकारी के खिलाफ दिल्ली पुलिस तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एक शिकायत भी दर्ज कराई है.
एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार रात घटी. अधिकारी ने बताया कि प्रकाश को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अप्रकाशित विज्ञापनों के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अपने आवास पर बुलाया था. हालांकि पार्टी का कहना है कि उन्हें राशन पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था.
नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया, “सोमवार रात बैठक के दौरान तीखी बहस हो गई थी. तर्क-वितर्क के दौरान दो-तीन आप विधायकों ने उनके (मुख्य सचिव) साथ हाथापाई की, इसमें मुख्य सचिव का चश्मा भी टूट गया था.”
घटना के बाद मुख्य सचिव ने उप- राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और उन्हें घटना की जानकारी दी. आईएएस एसोसिएशन ने भी बैजल से मुलाकात की और उनके सामने यह मुद्दा उठाया.
आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव के आरोपों को खारिज किया है. AAP का कहना है कि मुख्य सचिव की जवाबदेही को लेकर उनकी गलतबयानी के कारण केवल जुबानी जंग हुई थी. AAP के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ सोमवार रात सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक के दौरान पार्टी विधायकों की तकरार को सही बताते हुये कहा कि बैठक में जो कुछ भी हुआ वह मुख्य सचिव की गलत बयानी का नतीजा था.
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में राशन वितरण की व्यवस्था में खामियों के कारण लोगों को हो रही परेशानी के बारे में मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि उनकी जवाबदेही विधायकों या सरकार के प्रति नहीं बल्कि उपराज्यपाल के प्रति है. इस पर बैठक में मौजूद AAP विधायकों ने नाराजगी जरूर जतायी लेकिन उनके साथ मारपीट का आरोप गलत है.
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