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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में गुरूवार, 2 नवंबर को ED के सामने पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुए. सीएम केजरीवाल ने गुरूवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली में चुनावी रोड शो किया.
ED ने AAP सुप्रीमो को कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए समन भेजा था. इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं.
एमपी के सिंगरौली में रोड शो में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे जेल जाने से नहीं डरते हैं. रैली के बाद उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "आज सिंगरौली में लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिला, लोगों में क्या जोश था. जितना ये लोग आम आदमी पार्टी को कुचलने की कोशिश करेंगे, जनता में वो उतनी ही ज्यादा मजबूत होती जाएगी. ये लोग धमकी दे रहे हैं कि केजरीवाल को गिरफ्तार करेंगे. मैं उन्हें कहना चाहता हूं - केजरीवाल के शरीर को तो गिरफ्तार कर लोगे, लेकिन केजरीवाल की सोच को कैसे गिरफ्तार करोगे?"
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, समन मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर उसके समन को "अवैध और राजनीति से प्रेरित" बताया और कहा, "मुझे चार चुनावी राज्यों में प्रचार करने से रोकने के लिए BJP के कहने पर नोटिस भेजा गया है." इसके साथ ही, उन्होंने ईडी से समन को "तुरंत" वापस लेने का भी आग्रह किया.
अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में केजरीवाल ने इस बारे में स्पष्टता की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की कि उन्हें किस क्षमता में बुलाया जा रहा है, चाहे वह मामले में गवाह के रूप में हो या संदिग्ध के रूप में.
AAP सुप्रीमो को ED का समन मिलने के बाद राजनीति गरमा गई है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को पूछा कि बीजेपी नेता मनोज तिवारी को अरविंद केजरीवाल को ईडी समन मिलने और संभावित गिरफ्तारी के बारे में पहले से कैसे पता था. भारद्वाज ने तर्क दिया कि ईडी को विपक्ष के खिलाफ एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
एक अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में AAP के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि केजरीवाल ने ईडी के नोटिस का जवाब दिया था, कई सवाल पूछे थे और नोटिस वापस लेने का अनुरोध किया था.
राय ने सवाल किया, "ईडी ने केजरीवाल के पत्र का जवाब नहीं दिया, लेकिन बीजेपी नेता और प्रवक्ता पूछताछ के लिए आगे आए हैं. अगर ये एजेंसियां वास्तव में स्वतंत्र हैं, तो वे पूछताछ या नोटिस में क्यों उलझी हुई हैं."
उन्होंने कहा कि AAP मंत्री राज कुमार आनंद के घर पर बिना किसी नोटिस, वारंट के छापेमारी की गई. राय ने सवाल किया, ''वे इस देश में क्या करना चाहते हैं.''
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