advertisement
अरविंद केजरीवाल की आईआईटी डिग्री से शुरू हुए विवाद में आईआईटी खड़गपुर ने अपनी बात रखी है. बीते काफी दिनों से इंस्टेंट मैसेजिंग वॉट्सऐप पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की आईआईटी डिग्री पर लिखी गई पोस्ट्स वायरल हो रही हैं.
देखिए ये पोस्ट -
ये पोस्ट कहती है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के पिता जिंदल स्टील में उच्च पद पर कार्यरत थे और उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए आईआईटी खड़गपुर में जिंदल स्टील के कोटे की सीट पर अरविंद केजरीवाल को प्रवेश दिलाया.
Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी खड़गपुर ने इस मामले में कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने अन्य छात्रों की तरह आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करके आईआईटी खड़गपुर में प्रवेश लिया था.
आईआईटी खड़गपुर ने इस मामले में दर्ज एक आरटीआई का जवाब दिया है.
संस्थान के डीन राजेंद्र सिंह ने कहा कि केजरीवाल को जरूर ही टॉप 500 के भीतर रैंक मिली होगी, क्योंकि मैकेनिकल ब्रांच सिर्फ टॉप रैंक वाले स्टूडेंट्स को ही मिलती है.
सोशल मीडिया से लेकर वॉट्सऐप पर इस बात को लेकर विवाद पसरा हुआ है कि आखिर आईआईटी खड़गपुर अरविंद केजरीवाल की रैंक को लेकर स्थिति साफ क्यों नहीं कर रहा है. इस विवाद पर डीन राजेंद्र सिंह का कहना है कि आईआईटी-जेईई का डेटा हर तीन साल में डिलीट कर दिया जाता है, इस वजह से अरविंद केजरीवाल की रैंक बता पाना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि ये बातें पूरी तरह से बकवास हैं कि केजरीवाल को उनके पिता की वजह से कोटे में एडमिशन दिया गया. उन्होंने ये भी बताया कि कोटा सिस्टम सिर्फ इंटीग्रेटेड एमएससी के मामले में लागू होता था, जो आईआईटी खड़गपुर के कर्मचारियों के बच्चों को दिया जाता है और इसमें सिर्फ 15 सीटें उपलब्ध होती थीं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)