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दिल्ली (Delhi) में डेंगू के मरीजों की संख्या पांच सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. 22 जुलाई तक कुल 187 केस रिपोर्ट किए गए हैं, जो 2018 के बाद सबसे ज्यादा है. स्थिति को देखते हुए, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार (30 जुलाई) को कहा कि दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को स्कूलों और आम लोगों के बीच डेंगू के संबंध में अभियान चलाने का निर्देश दिया, जिससे वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सके.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पतालों को डेंगू के मामलों के लिए तैयार किया जाएगा. मैंने आज इस संबंध में दिल्ली नगर निगम (MCD) आयुक्त से भी चर्चा की है.
24 जुलाई को जारी MCD के साप्ताहिक बुलेटिन के मुताबिक जुलाई के पहले तीन हफ्तों में डेंगू के लगभग 65 केस रिपोर्ट किए गए, जिसमें जून में 40 और मई में 23 मामले सामने आए. दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति के बाद डेंगू फैलने का डर पैदा हो गया, जो पहाड़ी राज्यों में लगातार मानसूनी बारिश के बीच यमुना नदी के उफान पर होने की वजह से कई दिनों तक बना रहा.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं- DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4
टाइप-2 एक सीरियस स्ट्रेन है, जिससे मरीजों को खतरा रहता है. स्थिति को देखते हुए सरकार ने जनता और सरकारी विभागों के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं.
सरकार ने मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए जुर्माना भी बढ़ा दिया है. घरों के लिए 1000 रूपए और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए 5000 रूपए किया गया है.
पिछले सप्ताह हुई एक मीटिंग में ब्रीडिंग चेकर्स के जरिए घरों में मच्छरों के लार्वा के प्रजनन की जांच करने का फैसला लिया गया. 1031 हेल्पलाइन, कोविड-19 मामलों के अलावा, डेंगू के मामलों को भी पूरा करने के लिए नामित की गई है. भारद्वाज ने यह भी कहा कि जल्द ही 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा निदेशक से निवारक उपायों के रूप में स्कूलों में फुल आस्तीन के कपड़े और फुल पैंट पहनने का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा. डेंगू फैलने से रोकने के अभियान में भाग लेने के लिए स्कूली छात्रों को शामिल किया गया है. बच्चों में जागरूकता फैलाने और अपने घरों में रुके हुए पानी की जांच करने के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा. छात्रों को उनके घरों की निगरानी में मदद करने के लिए एक 'डेंगू होमवर्क कार्ड' देने के लिए कहा गया है. मंत्री ने आगे कहा कि छात्रों द्वारा बनाया जाने वाला यह रिपोर्ट कार्ड दिल्ली के सभी स्कूलों के लिए “अनिवार्य” कर दिया गया है.
आशा कार्यकर्ताओं, दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क और पुलिस को भी डेंगू के खिलाफ अभियान में शामिल होने के लिए कहा गया है. दिल्ली मेट्रो ने जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने स्टेशनों पर एलान करना शुरू कर दिया है.
सरकार ने लोगों से बुखार के मामले में सेल्फ-मेडिकेशन से बचने और ओवर-द-काउंटर दवाएं खरीदने का भी आग्रह किया. उन्होंने आगाह किया कि एस्पिरिन, डिस्प्रिन, इबुप्रोफेन, जो खून को पतला करते हैं, डेंगू के मरीज को नहीं लेने चाहिए. बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
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