Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"FIR वापस लेने का दबाव"- दिल्ली अस्पताल में उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले कर्मचारी

"FIR वापस लेने का दबाव"- दिल्ली अस्पताल में उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले कर्मचारी

Delhi Government के एक अस्पताल में काम करने वाली कई महिला सफाई कर्मचारियों ने अपने पर्यवेक्षकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

हिमांशी दहिया
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>'मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है': दिल्ली अस्पताल में मारपीट का आरोप लगाने वाले कर्मचारी</p></div>
i

'मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है': दिल्ली अस्पताल में मारपीट का आरोप लगाने वाले कर्मचारी

(फोटो- चेतन भकूनी/क्विंट हिंदी)

advertisement

(ट्रिगर वॉर्निंग: इस स्टोरी में यौन उत्पीड़न का जिक्र है. *सर्वाइवर्स की पहचान छिपाने के लिए कुछ नाम बदल दिए गए हैं.)

दिल्ली सरकार (Delhi Government) के बुराड़ी अस्पताल में पिछले दिनों तीन महिला सफाई कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाया. महिलाओं ने अपने पर्यवेक्षकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. FIR के 15 दिन से ज्यादा वक्त के बाद, उनका दावा है कि ग्लोबल वेंचर्स (दिल्ली स्थित फर्म जिसे, अस्पताल में जनशक्ति की आपूर्ति करने का काम सौंपा गया है) द्वारा नियुक्त नए पर्यवेक्षक उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.

"उसके शामिल होने के तुरंत बाद, नए पर्यवेक्षक ने मुझे फोन किया और मामले को वापस लेने के लिए मुझसे बात करने की कोशिश की. अभी भी वक्त है, अपनी नौकरी बचा लो...कहां कोर्ट के चक्कर में पड़ रहे हो सब और अपने आप को अदालती मामलों में मत फंसाओ."
द क्विंट से बातचीत में एक सर्वाइवर का आरोप

दिल्ली में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन सफाई कामगार यूनियन (SKU) के जरिए कर्मचारियों ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को भी पत्र लिखकर दावा किया कि सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में नए पर्यवेक्षक और नर्सिंग स्टाफ के निदेशक धमकी दे रहे हैं. मुकदमा वापस न लेने पर उनका वेतन रोक दिया जाए.

2 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री को की गई शिकायत में कहा गया कि...

"कंपनी ने श्रमिकों से कहा है कि उन्हें पूर्ण न्यूनतम वेतन और अन्य वैधानिक लाभ नहीं मिलेंगे. इसके अलावा, इस शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले कर्मचारी को बाहर निकालने की भी धमकी दी गई है. यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली पीड़ितों को और भी धमकाया जा रहा है और आपके कार्यालय से संपर्क करने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें अपने पद छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है और नर्सिंग स्टाफ के निदेशक और ग्लोबल वेंचर्स के पर्यवेक्षक उन्हें उनकी साइट बदलने की धमकी दे रहे हैं, यानी उन्हें बुराड़ी अस्पताल से दूर ट्रांसफर कर देंगे."

भारद्वाज ने 3 जनवरी को दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को इस मामले को देखने के लिए एक नोटिस जारी किया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अब तक क्या-क्या हुआ?

19 दिसंबर को, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में तीन संविदा महिला सफाई कर्मचारियों ने अपने पर्यवेक्षकों नीरज शर्मा, दीपक आदर्श और प्रबंधक राजकुमार के खिलाफ बुराड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.

महिलाओं ने शिकायत में आरोप लगाया कि वो फोन पर और अस्पताल में व्यक्तिगत रूप से कथित यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं.

"अस्पताल में हमारे प्रबंधक राजकुमार ने हमें बार-बार कहा कि अगर हम उन्हें खुश रखेंगे, तभी वह हमें अपना काम करने देंगे. उन्होंने मुझसे वक्त-वक्त पर अन्य महिलाओं को अपने पास ले जाने के लिए भी कहा. उन्होंने हमारे शरीर के बारे में अपनी बातों से हमें असहज कर दिया."

इसके बाद, चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), और 34 (समान इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत FIR दर्ज की गई.

डीसीपी (उत्तर) मनोज कुमार मीना ने द क्विंट को बताया कि...

शिकायतकर्ताओं द्वारा नामित सभी चार आरोपियों को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41ए के तहत पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था और उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था.

'हम हर तरफ से दबाव झेल रहे हैं'

सर्वाइवर्स ने द क्विंट से बात करते हुए आरोप लगाया कि उनकी कॉन्ट्रैक्ट कंपनी (ग्लोबल वेंचर्स) और अस्पताल प्रशासन उनकी शिफ्ट के घंटों को रजिस्टर नहीं करने और 10वीं क्लास के लिए पासिंग सर्टिफिकेट के साथ कर्मचारी सत्यापन के लिए कहने जैसी रणनीति का उपयोग कर रहे हैं.

एक सर्वाइवर ने सवाल किया कि उन्होंने रातोंरात नए नियम पेश किए हैं. उन्होंने एक नोटिस लगाया है, जिसमें कहा गया है कि सभी श्रमिकों को पुलिस वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट , मेडिकल सर्टिफिकेट और 10वीं क्लास का सर्टिफिकेट जमा करना होगा. अगर दसवीं पास होते तो क्या हम झाड़ू-पोछा करते?

ग्लोबल वेंचर्स द्वारा जारी 1 जनवरी के नोटिस की एक कॉपी द क्विंट के पास

एक अन्य सर्वाइवर ने आरोप लगाया कि वे चाहते हैं कि हम केस वापस ले लें और अपनी मासिक आय 17 हजार रुपये में से 3,000 रुपये नकद दे दें. इस तरह वे कागज पर दिखा सकते हैं कि हमें न्यूनतम वेतन मिलता है और हम अपनी लागत पर लाभ कमाते हैं.

न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन अधिनियम, 2017 के मुताबिक अगर कोई एंप्लॉयर निर्धारित न्यूनतम दरों से कम वेतन देने का दोषी पाया जाता है, तो उसे अब 50 हजार रुपये तक के जुर्माने के साथ-साथ तीन साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा.

हालांकि, द क्विंट से बात करते हुए ग्लोबल वेंचर्स ने इन आरोपों से इनकार किया है. कंपनी के प्रबंध निदेशक विनीत वत्स ने कहा कि ये हमारे पर्यवेक्षक नहीं हैं, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT