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(ट्रिगर वॉर्निंग: इस स्टोरी में यौन उत्पीड़न का जिक्र है. *सर्वाइवर्स की पहचान छिपाने के लिए कुछ नाम बदल दिए गए हैं.)
दिल्ली सरकार (Delhi Government) के बुराड़ी अस्पताल में पिछले दिनों तीन महिला सफाई कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाया. महिलाओं ने अपने पर्यवेक्षकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. FIR के 15 दिन से ज्यादा वक्त के बाद, उनका दावा है कि ग्लोबल वेंचर्स (दिल्ली स्थित फर्म जिसे, अस्पताल में जनशक्ति की आपूर्ति करने का काम सौंपा गया है) द्वारा नियुक्त नए पर्यवेक्षक उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.
दिल्ली में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन सफाई कामगार यूनियन (SKU) के जरिए कर्मचारियों ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को भी पत्र लिखकर दावा किया कि सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में नए पर्यवेक्षक और नर्सिंग स्टाफ के निदेशक धमकी दे रहे हैं. मुकदमा वापस न लेने पर उनका वेतन रोक दिया जाए.
2 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री को की गई शिकायत में कहा गया कि...
भारद्वाज ने 3 जनवरी को दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को इस मामले को देखने के लिए एक नोटिस जारी किया.
19 दिसंबर को, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में तीन संविदा महिला सफाई कर्मचारियों ने अपने पर्यवेक्षकों नीरज शर्मा, दीपक आदर्श और प्रबंधक राजकुमार के खिलाफ बुराड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
"अस्पताल में हमारे प्रबंधक राजकुमार ने हमें बार-बार कहा कि अगर हम उन्हें खुश रखेंगे, तभी वह हमें अपना काम करने देंगे. उन्होंने मुझसे वक्त-वक्त पर अन्य महिलाओं को अपने पास ले जाने के लिए भी कहा. उन्होंने हमारे शरीर के बारे में अपनी बातों से हमें असहज कर दिया."
इसके बाद, चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), और 34 (समान इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत FIR दर्ज की गई.
डीसीपी (उत्तर) मनोज कुमार मीना ने द क्विंट को बताया कि...
सर्वाइवर्स ने द क्विंट से बात करते हुए आरोप लगाया कि उनकी कॉन्ट्रैक्ट कंपनी (ग्लोबल वेंचर्स) और अस्पताल प्रशासन उनकी शिफ्ट के घंटों को रजिस्टर नहीं करने और 10वीं क्लास के लिए पासिंग सर्टिफिकेट के साथ कर्मचारी सत्यापन के लिए कहने जैसी रणनीति का उपयोग कर रहे हैं.
एक अन्य सर्वाइवर ने आरोप लगाया कि वे चाहते हैं कि हम केस वापस ले लें और अपनी मासिक आय 17 हजार रुपये में से 3,000 रुपये नकद दे दें. इस तरह वे कागज पर दिखा सकते हैं कि हमें न्यूनतम वेतन मिलता है और हम अपनी लागत पर लाभ कमाते हैं.
हालांकि, द क्विंट से बात करते हुए ग्लोबल वेंचर्स ने इन आरोपों से इनकार किया है. कंपनी के प्रबंध निदेशक विनीत वत्स ने कहा कि ये हमारे पर्यवेक्षक नहीं हैं, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.
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