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दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुनाई गई सजा पर 22 जनवरी तक रोक लगा दी है. कोड़ा को निचली अदालत ने तीन साल की कैद और 25 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने फैसले को चुनौती देने वाली कोड़ा की याचिका पर सीबीआई से जवाब भी मांगा है.
जस्टिस अनु मल्होत्रा ने कोर्ट में मौजूद कोड़ा को सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम जमानत भी दे दी है. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री को देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है. कोड़ा ने हाईकोर्ट में अपनी अपील लंबित रहने तक सजा को निलंबित करने और जमानत देने का अनुरोध किया था. इसी याचिका पर कोर्ट ने ये आदेश दिया है.
मामला झारखंड के राजहारा नार्थ कोल ब्लाक से जुड़ा है.कोड़ा पर इस ब्लॉक को 2008 में विनी ऑयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (VISUL) को गलत तरीके से आवंटित करने का आरोप है. VISUL ने 8 जनवरी 2007 को ब्लॉक आवंटन के लिए 36 वीं स्क्रीनिंग कमेटी के प्रस्ताव के आधार पर अर्जी लगाई थी. स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष उस वक्त एचसी गुप्ता थे. लेकिन गुप्ता ने ये बात प्रधानमंत्री और स्टील मंत्रालय से छुपाई थी. उस वक्ता कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के ही पास हुआ करता था.
पूर्व मुख्यमंत्री को निचली कोर्ट ने 18 जनवरी तक के लिए जमानत दी है. कोड़ा ने अपनी अपील में कहा है कि निचली अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराया जाना कानून के नजर में सही नहीं है.सीबीआई की वकील तरन्नुम चीमा ने कोड़ा की अपील और उनके जुर्माने पर रोक, दोनों का विरोध किया. एजेंसी ने हालांकि उन्हें दी गई 22 जनवरी तक की अंतरिम जमानत का विरोध नहीं किया.
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