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दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक, गूगल और उनके सहयोगी यूट्यूब और ट्विटर को योगगुरु रामदेव के खिलाफ आरोप वाले एक वीडियो के लिंक को तुरंत हटाने या बंद करने का आदेश दिया है.
हाईकोर्ट ने इन सोशल मीडिया साइट से इस वीडियो को अपलोड करने वाले व्यक्ति के बारे में सब्सक्राइबर सूचना सीलबंद लिफाफे में देने को कहा है.
बाबा रामदेव से जुड़े अपमानजनक वीडियो को देखने के बाद जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि उसमें रामदेव पर लिखी गई एक पुस्तक के कुछ ऐसे अंश हैं, जिन्हें हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में हटाने का आदेश दिया था.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा:
अदालत ने कहा, “अपमानजनक अंश को हटाए बगैर ही वीडियो के जरिए लोगों तक इस हिस्से को पहुंचाया जा रहा है. इस वीडियो को फेसबुक, गूगल, यूट्यूब और ट्विटर पर अपलोड किया गया है.”
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, “अदालत के सामने रखे गये तथ्यों को देखते हुए इस वीडियो पर रोक लगाने की रामदेव की मांग पहली नजर में सही लगती है.”
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने इस मामले की अगली तारीख तक फेसबुक, गूगल, यूट्यूब और ट्विटर को संबंधित वीडियो के लिंक को हटाने या बंद करने का निर्देश दिया है.
भारत में इसे वीडियो को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी.
योगगुरु रामदेव किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल में रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक सुझाव दिया है. रामदेव ने कहा, “जिन्हें दो से ज्यादा बच्चे हैं, उनके मताधिकार को छीन लेना चाहिए. इतना ही नहीं, ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए.”
इसके साथ ही बाबा रामदेव ने कहा, “जिनके दो से ज्यादा बच्चें हैं, उन लोगों को किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं देना चाहिए. सरकारी स्कूलों में सरकारी नौकरी के लिए दिए गए आवेदनों को खारिज कर देना चाहिए.”
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