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कंझावला (Delhi Kanjhawala Case) केस में दिल्ली पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ दी है. इससे पहले एफआईआर (Kanjhawala Case FIR) में धारा 304 थी. विशेष पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि सबूतों को जमा करने के बाद पुलिस ने नई धारा जोड़ने का फैसला किया. 1 जनवरी की सुबह कंझावला में 20 साल की अंजलि का शव मिला था. पड़ताल में पता चला कि उसे कार से करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. इस केस में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने रोहिणी कोर्ट को बताया था कि वे मामले में हत्या की धारा लगाने की प्रक्रिया में हैं. पुलिस ने शुरुआत में IPC की धारा 304 जोड़ी थी जो गैर इरादतन हत्या की धारा है.
मंगलवार को विशेष पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा,
द क्विंट ने मृतका के चाचा प्रेम सिंह से भी बात की जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इस मामले की FIR में हत्या का आरोप जोड़ा गया है. उन्होंने कहा, "हमें SHO का फोन आया था, जिन्होंने हमें बताया कि FIR में धारा 302 जोड़ी गई है."
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कंझावला कांड में आरोपी आशुतोष भारद्वाज को मंगलवार को जमानत दे दी. एडिशनल सेशन जज सुशील बाला डागर ने आरोपी आशुतोष को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. जज ने मौखिक रूप से कहा कि आरोपी आशुतोष भारद्वाज की भूमिका अपराध होने के बाद शुरू हुई.
मृतका अंजलि सिंह 1 जनवरी को स्कूटी से घर लौट रही थी जब एक ग्रे रंग की बलेनो कार ने उसे टक्कर मार दी और उसकी बॉडी को कई किलोमीटर तक घसीटती चली गई. हादसे के दो दिन बाद पुलिस ने खुलासा किया था कि घटना के वक्त मृतका स्कूटी पर अकेली नहीं थी. एक दूसरी लड़की भी स्कूटी पर सवार थी. दुर्घटना के बाद वो वहां से चली गयी और पुलिस को उसकी सूचना नहीं दी.
अंकुश नाम के सातवें आरोपी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर 7 जनवरी को जमानत दे दी गई जबकि आरोपी आशुतोष भरद्वाज को कोर्ट ने मंगलवार, 17 जनवरी को जमानत दी.
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