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26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली से एक दिन पहले प्रदर्शनकारी किसानों ने साफ कर दिया है कि वो इस परेड तक ही सीमित नहीं रहेंगे. आने वाली 1 फरवरी को किसानों की योजना है कि वो संसद भवन की ओर कूच करेंगे. किसान नेताओं की तरफ से अपने आंदोलन को बड़ा करने के लिए ट्रैक्टर परेड के बाद ये दूसरा बड़ा कदम देखने को मिल सकता है. किसान नेता इसकी योजनाविस्तार से 28 जनवरी को तय करेंगे.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के दर्शन पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा-
दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन करीब 2 महीने से चल रहा है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है. सरकार कानूनों को डेढ़-दो साल सस्पेंड करने के लिए भी तैयार हो गई थी लेकिन किसान अड़े हुए हैं कि कृषि कानून वापिस कराकर ही मानेंगे.
किसानों ने तय किया है कि 26 जनवरी को इस बार गणतंत्र दिवस परेड और बाकी पारंपरिक कार्यक्रम के साथ-साथ किसानों की ट्रैक्टर रैली भी होगी. ट्रैक्टर रैली निकालने जा रहे किसानों की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी.
दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उसने किसानों को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली की सशर्त इजाजत दी है. इस दौरान स्पेशल सीपी (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने कहा, ''हमने भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ चर्चा की. इस बात पर सहमति बनी है कि वे अपना मार्च राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के बाद करेंगे. परेड के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. हम उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे.''
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस बैरिकेड्स हटा देगी और ट्रैक्टर रैली निकाल रहे किसानों को राजधानी में अंदर जाने देगी. इस रैली की इजाजत 3 रूट के लिए दी गई है.
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