advertisement
दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी मरीजों को 5 दिन का इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन जरूरी है. केजरीवाल और बाकी नेताओं के लगातार विरोध के बाद एलजी बैजल ने ये फैसला वापस लिया है. इसके लिए शाम 5 बजे एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दिल्ली सरकार के नेता और एलजी मौजूद थे. इसी बैठक में इस फैसले को वापस लिया गया है.
इस फैसले को वापस लेते हुए एलजी ने कहा कि जिन मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने और क्लिनिकल इलाज की जरूरत नहीं होगी वो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं
दिल्ली में होम क्वॉरंटीन को लेकर एलजी के इस आदेश पर स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की शनिवार को एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनमें से एक एलजी के होम क्वॉरंटीन खत्म करने का आदेश था और दूसरा प्राइवेट अस्पतालों 60 प्रतिशत बेड को सस्ता करने वाला मुद्दा था. दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में 60 फीसदी बेड सस्ते होंगे, वहीं केंद्र ने इसे घटाकर 24 फीसदी करने को कहा है. लेकिन इस बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया.
इसके बाद दिल्ली सरकार और एलजी के बीच दूसरी बैठक हुई. जिसमें इस मुद्दे का हल निकाल लिया गया. बैठक से पहले डिप्टी सीएम सिसोदिया ने भी कहा था कि दूसरी बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा होगी और हल निकलने की उम्मीद जताई थी.
एलजी के फैसला वापस लिए जाने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया. उन्होंने बताया कि एलजी की सभी आशंकाओं को दूर कर लिया गया है, सिसोदिया ने लिखा,
इससे पहले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का इस मामले को लेकर बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने ये संकेत दिया था कि कुछ ही देर में एलजी का फैसला बदलने जा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा था,
“दिल्ली के एलजी ने इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन का आदेश शायद उनके फायदे के लिए दिया होगा, जिनके पास घर में जगह नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि आज शाम तक वो दूसरी जानकारी भी जारी करेंगे. जिसमें उन लोगों के लिए होम क्वॉरंटीन दिया जा सकता है जिनके पास घर में अपना अलग कमरा है.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)