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दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर तनातनी शुरू हो चुकी है. इस बार क्वॉरंटीन नियमों को लेकर दोनों आमने-सामने हैं. दिल्ली में बिना लक्षण या फिर हल्के लक्षण वालों के लिए होम क्वॉरंटीन का नियम बनाया गया था. लेकिन एलजी ने आदेश जारी कर कहा कि सभी मरीजों के लिए 5 दिन क्वॉरंटीन सेंटर में रहना जरूरी है. केजरीवाल सरकार ने कहा कि वैसे ही मरीजों के लिए बेड और सुविधाएं कम हैं, ऐसे में एलजी का ये आदेश ठीक नहीं है. अब इस आदेश को लेकर केंद्र की तरफ से संकेत दिया गया है कि देर शाम तक इस नियम में बदलाव हो सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस मामले को लेकर बयान दिया. उन्होंने एलजी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के हित में ये आदेश जारी किया होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा,
दिल्ली में होम क्वॉरंटीन को लेकर एलजी के इस आदेश पर स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनमें से एक एलजी के होम क्वॉरंटीन खत्म करने का आदेश था और दूसरा प्राइवेट अस्पतालों 60 प्रतिशत बेड को सस्ता करने वाला मुद्दा था. दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में 60 फीसदी बेड सस्ते होंगे, वहीं केंद्र ने इसे घटाकर 24 फीसदी करने को कहा है. बैठक में इन दोनों ही मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई.
अब दिल्ली सरकार और एलजी के बीच दूसरी बैठक हो रही है. जिसमें इस मुद्दे का हल निकल सकता है. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी इसी का संकेत दिया है कि एलजी की तरफ से जारी आदेश में ढील दी जा सकती है. इस मामले को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा, "होम आइसोलेशन खत्म करने के सम्बंध में भी एलजी साहब के कल के फैसले का दिल्ली सरकार ने विरोध किया. इस पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ. शाम को फिर चर्चा होगी. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग में दोनो ही मुद्दों - प्राइवेट हॉस्पिटल के बेड्स के रेट और होम आइसोलेशन खत्म करने के LG साहब के आदेश पर सहमति नहीं बनी, अब बैठक शाम को 5 बजे दोबारा होगी."
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