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दिल्ली नगर निगम (MCD Chunav) चुनाव 4 दिसंबर को है. इसके तहत 250 वार्डों के लिए मतदान होना है. चुनाव के नतीजों की घोषणा 7 दिसंबर को की जाएगी.
बता दें वार्डों के परिसीमन (Delimitation) के बाद राष्ट्रीय राजधानी में यह पहला नगर निकाय चुनाव होगा. बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ने ही 250 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस केवल 247 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
दिल्ली की तीन मौजूदा नगर निकाय - पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) - को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के रूप में फिर से एकीकृत किया गया है. इसके बाद 272 वार्डों की संख्या घट कर 250 हो गई है.
250 वार्डों में से 42 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, 21 सीटें अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवारों के लिए और 104 सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.
दिल्ली एमसीडी चुनाव में 2017 में बीजेपी के खाते में 181 वार्ड आए थे. यह चुनाव तब बीजेपी ने ही जीता था. 2017 में आम आदमी पार्टी ने 48 वार्डों पर जीत हासिल की थी, तब आम आदमी पार्टी पहली बार एमसीडी का चुनाव लड़ रही थी. वहीं कांग्रेस केवल 30 वार्ड ही जीत पाई थी.
इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी पार्टी 200 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, जबकि बीजेपी को 20 सीटें भी नहीं आएंगी.
एमसीडी के चुनावी मैदान में 1,349 उम्मीदवार खड़े हैं. 1336 में से 10 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. आम आदमी पार्टी के सबसे ज्यादा 18 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. 1336 में से 60 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पढ़े-लिखे नहीं हैं, 56 फीसदी केवल 12वीं पास है. वहीं 36 फीसदी उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं. 12 उम्मीदवारों के पास डिप्लोमा है. 20 उम्मीदवारों ने खुद को केवल साक्षर ही बताया है.
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