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दिल्ली मेट्रो के बढ़े किराए पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) बोर्ड ने अपनी मुहर लगा दी है. सोमवार रात हुई बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों को नकारा नहीं जा सकता और किराया बढ़ाना जरूरी है. इस फैसले के बाद आज से दिल्ली मेट्रो में सफर करना और भी महंगा हो जाएगा.
किराए में बढोतरी पर डीएमआरसी की मुहर लगने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी प्रतिक्रिया दी है. सिसोदिया ने ट्वीट किया कि दिल्ली सरकार के 5 सदस्यों के मुकाबले केन्द्र के 11 सदस्यों ने मेट्रो किराए बढ़ाने का पक्ष लिया.
दिल्ली मेट्रो के बढ़े किराए को लेकर तमाम चिट्ठियों, बहसों और आरोपों के बाद भी आम आदमी के हिस्से कुछ नहीं आया. उसे आज से बढ़ा हुआ किराया चुकाना ही होगा. एक साल में दो बार बढ़ोतरी मेट्रो के 15 साल के इतिहास में पहली बार हुई है. अधिकतम बढ़ोतरी 10 रुपये की होगी. दिल्ली में नए किराए में सबसे ज्यादा मार पड़ेगी 5 से 12 किलोमीटर का सफर तय करने वालों पर. इस कैटेगरी में बढ़ोतरी 20 से सीधे 30 रुपये हो जाएगी यानी पूरे 50 फीसदी.
इस बढ़ोतरी से मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले यात्री नाराज हैं. उनका कहना है कि मेट्रो में भीड़ काफी है और सुविधाएं कम. अब किराया भी बढ़ा दिया है.
सोमवार को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया. मुद्दा बना दिल्ली मेट्रो का किराया. किराए पर बहस के दौरान हंगामा इस कदर बढ़ गया कि बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को स्पीकर ने ‘बदतमीज आदमी’ कहते हुए मार्शल के जरिए सदन से बाहर करवा दिया. बीजेपी के बाकी दो विधायकों ने भी वॉक आउट कर दिया. आम आदमी पार्टी के विधायक मेट्रो किराया घटाने पर बात करते रहे तो बीजेपी विधायक पेट्रोल पर वैट कम करने और मेट्रो फेज 3 के काम को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे. एक मौके पर बहस इतनी गर्म हो गई कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता शब्दों के जरिए आपस में भिड़ गए.
एक ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की.
इससे पहले कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने भी विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर विरोध-प्रदर्शन किया. NSUI के करीब 50 छात्र विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के ट्रैक पर उतरकर किराया बढ़ोतरी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच मेट्रो ट्रैफिक प्रभावित रहा. सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों ने छात्रों को मेट्रो स्टेशन से बाहर निकाला. तब जाकर मेट्रो वापस ट्रैक पर लौट पाई.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को चिट्ठी लिखकर 50-50 का एक फॉर्मूला सुझाया था. दरअसल, डीएमआरसी ने कहा था कि वो किराया न बढ़ाने की मांग मान सकती है बशर्ते दिल्ली सरकार हर साल उसे 3 हजार करोड़ रुपये की भरपाई करे. इस पर केजरीवाल ने 50-50 का फॉर्मूला निकाला. केजरीवाल ने चिट्ठी लिखकर कहा कि वो 1500 करोड़ सालाना देने को तैयार हैं. बाकी 1500 करोड़ केंद्र से देने की मांग की है. इसके अलावा केजरीवाल ने मेट्रो के अधिग्रहण में भी दिलचस्पी दिखाई थी. उनका कहना है दिल्ली सरकार खुद के दम पर मेट्रो चला सकती है. हालांकि, केन्द्र ने दोनों ही मोर्चों पर उनकी बात पर तवज्जो नहीं दी है. आपको बता दें कि डीएमआरसी में केन्द्र और दिल्ली सरकार की बराबर की हिस्सेदारी है.
इससे पहले भी बीते 10 दिनों में मेट्रो को लेकर बयानों के तीर कई बार इधर से उधर हुए हैं. कभी दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की तरफ से चिट्ठी लिखी गई तो कभी शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप पुरी की तरफ से कड़ा बयान आया.
दिल्ली सरकार ने मेट्रो किराए की लड़ाई को नाक की लड़ाई यूं ही नहीं बनाया है. ये दिल्ली की जनता के बीच भरोसे को मजबूत करने की कवायद भी मालूम होती है.
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