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जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी ने दावा किया है कि कन्हैया ने जेएनयू परिसर में आयोजित किए गए विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे.
हालांकि बस्सी ने यह भी कहा है कि पुलिस को अब तक इस घटना और लश्कर ए तैयबा के बीच संबंध को लेकर कोई सबूत नहीं मिला है.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात के बाद बस्सी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा,
पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि कन्हैया उस कार्यक्रम का हिस्सा थे, जिसमें राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए. उन्होंने कहा कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन किया जा रहा था, जो कि गैरकानूनी था.
बस्सी ने कहा कि कार्यक्रम में कन्हैया ने जो भाषण दिया वह काफी आपत्तिजनक था. घटना में शामिल संदिग्ध जेएनयू के छात्रों और कश्मीर के आतंकियों के बीच कथित संबंधों के बारे में पूछे जाने पर बस्सी ने कहा,
बहरहाल, बस्सी ने कहा कि जेएनयू घटना को लेकर लश्करे तैयबा के साथ संबंध होने का कोई सबूत नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, कि अगर इस संबंध में कोई सबूत मिलेगा तो इसे गृह मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि कन्हैया से पूछताछ के दौरान अहम जानकारी हाथ लगी है जिसे परखा जाएगा और कदम उठाया जाएगा.
ट्वीट को देखते हुए जारी किया था अलर्ट
लश्कर-ए- तैयबा के आका हाफिज सईद के कथित ट्वीट को लेकर ट्विटर पर दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों को नसीहत देने संबंधी विवाद के बारे में आयुक्त ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
बस्सी ने कहा है कि पुलिस कई ट्वीट की निगरानी कर रही है जिसे अलग-अलग अकाउंट से डाला गया.
बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने वेस्ट दिल्ली में 13 अन्य जेएनयू छात्रों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम बनायी है. पुलिस का दावा है कि ये सभी भारत विरोधी नारेबाजी में शामिल थे.
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