advertisement
उत्तर-पूर्वी जिले में 24 और 25 फरवरी को भड़की हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी ने तेज कर दी है. जांच ने रफ्तार गुरुवार को तब पकड़ी, जब उसे आरोपी निगम पार्षद ताहिर हुसैन और घटनास्थल के कई वीडियो हाथ लग गए. इन मोबाइल वीडियो और ताहिर की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी टीमों को उम्मीद है कि ये वीडियो उसी जगह के हैं, जहां हवलदार रतन लाल को भीड़ ने घेर लिया था.
शुक्रवार को आईएएनएस को ऐसी ही और तमाम जानकारियां नाम उजागर न करने की शर्त पर दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम के कुछ अधिकारियों ने दी.
सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने कहा,
एसआईटी टीमों में शामिल एक इंस्पेक्टर ने आईएएनएस से कहा, "वीडियो चांदबाग और उसके आसपास के इलाके के ही हैं. वीडियो भले ही एक ही जगह के हों, मगर हर वीडियो अलग-अलग एंगल से कैप्चर्ड हैं. वीडियो देखने से भी 24 फरवरी का ही लगता है। जिस तरह दंगों के पहले दिन भीड़ ने तांडव मचाया था, इन वीडियो में भी उसी तरह का तांडव साफ-साफ नजर आ रहा है." वीडियो आम पब्लिक ने बनाए हैं. ऐसे में अदालत में बतौर सबूत इन्हें जांच टीम किस तरह पेश करेगी?
डीसीपी स्तर के एक अधिकारी ने कहा, "फिलहाल हम सबूत-गवाह जुटा रहे हैं. हमारी कोशिश है हर हाल में असली मुजरिमों तक पहुंचने की. ये वीडियो इस लिहाज से बहुत मददगार साबित हो रहे हैं. वैसे तो इन वीडियो को सबूत के बतौर अदालत में पेश करने में कोई परेशानी नहीं है. इन वीडियो की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है. ताकि वीडियो बस एडिट करके बनाए हुए न मिलें. साथ ही वीडियो अदालत में पेश करते वक्त हमें यह भी साबित करना होगा कि ये सब (वीडियो) फलां इलाके के और 24-25 फरवरी को भड़की हिंसा के ही हैं. अक्सर देखने में आता है कि, ऐसे गंभीर हालातों में इस तरह के पुराने या फिर कहीं और के भी वीडियो वायरल करने का चलन शुरू हो जाता है." एसआईटी की टीम 'बी' में शामिल एक एसीपी के मुताबिक,
वीडियो में भीड़ जिस तरह पुलिस को घेरकर निशाना बना रही है, उससे क्या यह साबित हो सकता है कि हवलदार रतन लाल भी इसी भीड़ का शिकार हुए थे? एसआईटी के एक अन्य अफसर ने कहा, "कुछ भी संभव है. अभी ताहिर और वीडियो आमने-सामने लाने हैं। उम्मीद है कि ताहिर इन वीडियो को देखकर कुछ नये तथ्य और जानकारी स्थापित करा सके."
दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम 'ए' के ही एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "हमारे हाथ इन वीडियो के अलावा कुछ सीसीटीवी फुटेज भी लगे हैं. ताहिर हुसैन व अन्य गिरफ्तार संदिग्धों के सामने इन सीसीटीवी और वीडियो फुटेज से ही हवलदार रतन लाल की जघन्य हत्या के बारे में भी कड़ी से कड़ी जोड़े जाने की कोशिश आज से ही (शुक्रवार) कर दी गई है."
नाम न उजागर करने की शर्त पर एसआईटी के ही एक अनुभवी अधिकारी ने कहा, "24 फरवरी की घटना में चांदबाग में भीड़ के बीच फंसकर बुरी तरह जख्मी हुए गोकुलपुरी सब-डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त अनुज कुमार से भी जांच में मदद ली जाएगी. चूंकि वह घटना के चश्मदीद और पीड़ित व पुलिस अधिकारी हैं, लिहाजा वीडियो की सत्यता और वीडियो कहां के हैं, इसके बारे में एसीपी अनुज भी बेहतर और सटीक जानकारी एसआईटी को दे सकेंगे."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)