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JNU हिंसा: पुलिस की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने खुद को दी क्लीन चिट

कमेटी ने ‘दिल्ली पुलिस की लापरवाही’ की जांच की

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भारत
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5 जनवरी 2020 को JNU परिसर मे हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की भूमिका की जांच के लिए फोर्स ने एक ‘फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी’ का गठन किया था, जिसने अब दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दे दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी ने 27 पुलिस अफसरों से बयान लिया और 'अंत में यही साबित हुआ कि दिल्ली पुलिस के हस्तक्षेप की वजह से ही JNU हिंसा नियंत्रण मे लाई गई थी.’

इस कमेटी का गठन दिल्ली के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने किया था. इसका प्रमुख वर्तमान जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह को बनाया गया था. कमेटी मे 4 इंस्पेक्टर और 2 ACP भी शामिल थे.

दिल्ली पुलिस पर ये आरोप था कि वो परिसर के बाहर तैनात थी लेकिन बावजूद इसके वो परिसर के अंदर हिंसा को रोकने नहीं आई. जिस पर पुलिस का कहना था कि वो यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की इजाजत का इंतजार कर रहे थे. बिना इजाजत वो यूनिवर्सिटी मे नहीं घुस सकते थे.

5 जनवरी 2020 की रात में JNU परिसर मे हिंसा भड़क उठी थी. कुछ नकाबपोश हथियारबंद हमलावरों ने परिसर मे घुसकर छात्रों, शिक्षकों, और कर्मचारियों पर लठियों से हमला करना शुरू कर दिया था. करीब 30 लोगों को हमले में गहरी चोट आई थी, और उन्हें AIIMS मे भर्ती कराया गया था. JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष को सिर मे गहरी चोट आई थी.

JNU प्रशासन का कहना था कि 'कुछ अभद्र नकाबपोश गुंडे लाठियों सहित परसिर मे घुस गए और उन्होंने लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया और काफी तोड़फोड़ की.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की कमेटी ने जिन अफसरों का बयान लिया उनमें तत्कालीन DCP (साउथ-वेस्ट) देवेन्द्र आर्य, तत्कालीन ACP रमेश कक्कड़, वसंत कुंज (नॉर्थ) SHO ऋतुराज और इंस्पेक्टर आनंद यादव शामिल हैं.  
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हाईकोर्ट के आदेश अनुसार इंस्पेक्टर यादव की ड्यूटी 5 जनवरी को एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में लगी हुई थी, ताकि VC ऑफिस से लेकर ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में कोई धरना या विरोध प्रदर्शन नहीं हो. इसी ब्लॉक में वीसी ऑफिस है.

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मे ये भी साफ कर दिया है कि शाम के 3.45 से लेकर 4.15 तक पुलिस PCR (पुलिस कंट्रोल रूम) पर 8 ऐसे कॉल आए थे जिनमें पेरियार हॉस्टल मे छात्रों पर हो रहे हमले की बात हुई थी. और उसके बाद 14 कॉल 4.15 से 6 बजे के बीच आए थे जिनमें छात्रों के बीच हो रहे झगड़े की बात हुई थी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “विभाग के उच्च अधिकारी का कहना है कि PCR पर कॉल आने का सिलसिला दोपहर 2.30 बजे से ही शुरू हो गया था, लगभग 23 कॉल उस समय परिसर से PCR पर किए गए थे.”   

अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस "करीब 5 बजे DCP आर्या अपनी टीम के साथ कैंपस पहुंचे थे, लेकिन वो वापस मेन गेट की ओर आ गए क्योंकि उस समय स्थिति सामान्य थी. पुलिस अफसरों ने जांच के दौरान कमेटी को VC जगदीश कुमार का व्हाट्सप मैसेज भी दिखाया जो कि उन्होंने शाम 6.24 बजे इंस्पेक्टर आर्या, SHO और ACP को किया था, जिसमें उन्होंने आर्या से कैंपस के गेट पर तैनात होने की बात कही थी. फिर शाम 7.45 बजे रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने दिल्ली पुलिस को एक लेटर दिया जिसमें उन्होंने और भी ज्यादा पुलिस बल को कैंपस पर तैनात करने की बात लिखी थी."

अधिकारी ने बताया कि 5 जनवरी की हुई हिंसा को लेकर सभी पुलिस अधिकारियों ने एक ही जैसा बयान दिया है.

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