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दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों से झड़प के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है. शनिवार को हुई इस झड़प में करीब 20 सुरक्षाकर्मी और कई वकील घायल हुए थे.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक
अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट में सोमवार के उस वीडियो का जिक्र भी नहीं है जिसमें साकेत कोर्ट के बाहर कुछ वकील एक पुलिसवाले को पीटते नजर रहे हैं. उस घटना के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस के सैंकड़ों जवान पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
शनिवार यानि 2 नवंबर की दोपहर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों में जमकर झड़प शुरू हो गई. इस झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए, जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी इस झड़प में घायल हो गए थे. इसके अलावा एक वकील को गोली लगने की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद वकीलों का गुस्सा फूटा और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.
दिल्ली पुलिस के वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन को शांत करने के लिए खुद पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक पुलिस मुख्यालय पहुंचे और शांति की अपील की. उन्होंने पुलिसकर्मियों के कहा कि हम कानून के रखवाले हैं और अपनी ड्यूटी करते रहेंगे. कमिश्नर पटनायक ने गुस्साए पुलिसकर्मियों को भरोसा दिलाया कि आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस मुख्यालय पहुंचते ही कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से शांति बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि ये दिल्ली पुलिस के लिए एक परीक्षा की घड़ी है. उन्होंने कहा,
कमिश्नर ने पुलिकर्मियों से कहा-
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिसवाले कमिश्नर के श्वासनों से संतुष्ट नहीं ते और उन्होंने कमिश्नर के खिलाफ भी नारेबाजी की.
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