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देश की राजधानी दिल्ली में हो रहे अपराधों को रोकने में नाकाम दिल्ली पुलिस ने अब अपने ही महकमें में छापेमारी शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक शाखा ने अपने ही एक डीसीपी दफ्तर पर छापा मार दिया. छापा आउटर दिल्ली के डीसीपी दफ्तर की लेखा-शाखा पर मारा गया.
छापे में पुलिस वालों की लाखों रुपये के पुलिस अनुदान (फंड) की हेराफेरी पकड़ में आयी है. इस सिलसिले में एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि एक महिला दारोगा (मिनिस्ट्रीयल) समेत कुछ पुलिसकर्मी मौके से भागने में कामयाब रहे.
दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने इस पूरी छापेमारी की जानकारी दी. उन्होंने बताया,
इन्हीं शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ईओडब्ल्यू की तीन-चार टीमों ने मंगलवार को दोपहर के वक्त बाहरी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त कार्यालय की लेखा-शाखा पर छापा मार दिया. छापे से मचे हड़कंप का फायदा उठाकर एक महिला दारोगा सहित कई संदिग्ध पुलिसकर्मी मौके से बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे. ईओडब्ल्यू के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने आईएएनएस से आगे कहा, "इस सिलसिले में एफआईआर नंबर 195 पर मंगलवार को ही आर्थिक अपराध शाखा के थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. साथ ही आगे की जांच ईओडब्ल्यू के साथ दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा भी करेगी."
उधर ईओडब्ल्यू के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया,
दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा और दिल्ली पुलिस सतर्कता शाखा के दो अलग अलग विश्वस्त सूत्रों ने आईएएनएस से कहा, "छापे के बाद से अभी तक (बुधवार दोपहर बाद तक) हुई पूछताछ में यह साफ हो चुका है कि, गिरफ्त में आया पुलिसकर्मी कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर लंबे समय से अमानत में खयानत कर रहा था." न्यू एजेंसी आईएएनएस के सूत्रों के मुताबिक, "आर्थिक अपराध शाखा की टीम की अब तक हुई छानबीन में यह साफ हो चुका है कि, आरोपी पुलिसकर्मी अपने ही पुलिसकर्मी साथियों का बकाया (एरिअर) के भुगतान को लूटने-खाने में जुटे हुए थे."
छापे के दौरान यह बात भी साफ हो चुकी है कि, 'आरोपी ठग पुलिसकर्मियों का यह गिरोह दिल्ली पुलिस के ही करीब 24 पुलिस कर्मचारियों का 20 लाख रुपया हजम कर चुके हैं.' उधर आर्थिक अपराध शाखा ने एक उच्च पदस्थ सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "पकड़ा गया आरोपी पुलिसकर्मी साथी पुलिसकर्मियों का सरकारी फंड, पत्नी के खाते में निजी बैंक के जरिये जमा करा ले रहा था. अपनों के साथ ही ठगी का यह काला कारोबार कब से चल रहा था? इसमें और कौन-कौन पुलिस अफसर या कर्मचारी शामिल हैं? इसकी भी जांच दिल्ली पुलिस सतर्कता शाखा कर रही है."
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