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दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन से संबंधित ‘टूलकिट’ बनाने वालों के मामले में शुक्रवार को गूगल और कुछ सोशल मीडिया कंपनियों से ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा. बता दें क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भी बुधवार को एक ‘टूलकिट’ को ट्विटर पर शेयर किया था, जिसे बाद में उन्होंने हटा लिया था.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ‘‘भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध’’ छेड़ने के मकसद से ‘टूलकिट’ के निर्माताओं के खिलाफ गुरुवार को FIR दर्ज की थी.
पुलिस का मानना है कि मूल दस्तावेज से जांचकर्ताओं को ‘‘टूलकिट’ बनाने वाले और उसे शेयर करने वाले व्यक्ति/व्यक्तियों को पहचानने में मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं.
पुलिस का कहना है कि ‘टूलकिट’ में एक सेक्शन है, जिसमें कहा गया है, ''26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और इन्हें देखें या फिर दिल्ली में और सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों.''
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