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देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा इन दिनों इस कदर दमघोंटू हो गई है कि सांस लेना भी मानो धीमा जहर लेने के समान हो गया है. दुनिया के 10 प्रमुख शहरों में प्रदूषित हवा के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है. दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 470 पर है, जो कि खतरनाक स्तर है.
एयरविजुअल डॉट कॉम के मुताबिक एक नवंबर (शुक्रवार) को अन्य नौ शहरों में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान का लाहौर (343), उसके बाद मंगोलिया का उलानबटार (168), बांग्लादेश का ढाका (164), भारत का कोलकाता (159), पोलैंड का क्राको (158), पोलैंड का रॉक्ला (155), चीन का वुहान (155), चीन का गुआंगझो (155) और चीन का चोंगकिंग (153) शहर शामिल हैं.
हालात की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्ल्यूएचओ ने 2018 ग्लोबल डाटाबेस रिपोर्ट में कहा था कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में 14 भारत के हैं. भारत में हर साल 20 लाख से ज्यादा लोग प्रदूषित हवा की वजह से काल के गाल में समा जाते हैं. दुनिया में प्रदूषित हवा से हर चार मौतों में से एक भारत में होती है. आश्चर्यजनक यह है कि 2018 में आई इस रिपोर्ट में भी दिल्ली भारत का सबसे प्रदूषित शहर था और आज भी यह पहले नंबर पर है.
इसकी वजह यह है कि सरकारों ने प्रदूषण कम करने के लिए किसी ठोस योजना पर अमल नहीं किया, जिससे समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके. यही वजह है कि हालात आज भी जस के तस हैं.
एयरविजुअल की 2018 की एक रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के स्रोतों और कारणों की पहचान की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योगों, घरों, वाहनों से वायु प्रदूषकों के जटिल मिश्रण निकलते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं. इन सभी प्रदूषकों में से सूक्ष्म प्रदूषक कण लोगों की जिंदगी पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं.
(इनपुट: आईएएनएस)
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