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दिल्ली हिंसा मामले में नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत मिलने के बाद भी अभी तीनों जेल में ही हैं. दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कहा है कि जमानत के लिए पते के वेरिफिकेशन और दूसरी प्रक्रियाओं में वक्त लग रहा है. इस बीच दिल्ली पुलिस, जमानत का फैसला पलटने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई है.
वहीं नताशा नरवाल, देवांगना कलिता ने जेल से तत्काल रिहाई को लेकर निचली अदालत में आवेदन दाखिल किया था. बुधवार दोपहर में मामले की सुनवाई हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वर्चुअल सुनवाई में मीडिया को इजाजत नहीं दी गई.
किस तरह से ये रिहाई रुकी है जरा वो समझते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने जब जमानत का आदेश दिया था उसके बाद दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन मजिस्ट्रेट रविंदर बेदी ने कल देवांगना कलिता और नताशा नरवाल के पते के और दूसरे सत्यापन की वजह से तत्काल रिहा करने का आदेश टाल दिया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जल्द से जल्द वेरिफिकेशन रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था उसके लिए 16 जून यानी आज दोपहर एक बजे का समय दिया गया था.
वहीं इन तीनों की तरफ से कहा गया है कि सभी दिल्ली के ही निवासी हैं और यहीं से गिरफ्तार किए गए थे दस्तावेजों पर दिल्ली का ही पता है.नरवाल, कलिता की तरफ से पेश हुए वकील ने ये भी कहा कि वेरिफिकेशन पुलिस का काम है, बेल बॉन्ड भरना उनका काम है.ऐसे में हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक, 24 घंटे के भीतर बेल बॉन्ड भरने पर जमानत हो जानी चाहिए थी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद जज ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि उन्हें वेरिफिकेशन में कितना वक्त लग जाएगा तो दिल्ली पुलिस ने तमाम तर्क के साथ तीन दिन का समय बताया.
कुल मिलाकर फिलहाल स्थिति ये है कि दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत के आदेश के बाद भी नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ तन्हा को अगले कई घंटे जेल में बिताने पड़ सकते हैं.
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