Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019RML अस्पताल के डॉक्टरों ने लिखा खत-'हमें कोविशील्ड वैक्सीन दी जाए'

RML अस्पताल के डॉक्टरों ने लिखा खत-'हमें कोविशील्ड वैक्सीन दी जाए'

वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में सीरम इंस्टीट्यू की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दी जा रही है

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
(Photo Courtesy: FIT)
i
null
(Photo Courtesy: FIT)

advertisement

राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) हॉस्पिटल के रेसिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने 16 जनवरी को मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को पत्र लिखकर बताया है कि उनको कोवैक्सिन वैक्सीन को लेकर शंका है. डॉक्टर्स ने ये पत्र ठीक उसी दिन लिखा है जिस दिन देश भर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है. इस वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में सीरम इंस्टीट्यू की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दी जा रही है. RML के डॉक्टर्स इसी कोवैक्सीन को लेकर चिंतित हैं.

RML के डॉक्टर्स का कहना है कि -

हम कोवैक्सीन को लेकर चिंतित हैं क्यों कि अभी कोवैक्सीन के ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं. हमारा निवेदन है कि हमें कोविशील्ड वैक्सीन दी जाए, जिसने ट्रायल के सभी राउंट पूरे कर लिए हैं.
डॉक्टर्स, RML

बता दें कि भारत के ड्रग रेगुलेटर ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी. रेसिडेंट डॉक्टर ने अपने पत्र में लिखा-

हमें पता चला है कि हॉस्पिटल में आज कोरोना वायरस वैक्सीन दी जा रही हैं. हमारे हॉस्पिटल में कोविशील्ड की जगह पर भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को तरजीह दी जा रही है.
रेसिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन
(Photo: Accessed by The Quint)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'कोवैक्सीन को लेकर शंका का कोई सवाल नहीं'

हालांकि क्विंट से बात करते हुए आरएमएल हॉस्पिटल के महासचिव डॉक्टर अतुल कृष्णा ने कहा है कि कोवैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की शंका का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा- "कोवैक्सीन को आरएमएल सहित दूसरे केंद्रीय संस्थाओं में इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले सीनियर स्टाफ को वैक्सीन दी जा रही है. हमें प्रशासन और सरकार पर पूरा भरोसा है. कोवैक्सीन को लेकर पहले शंका थी कि क्योंकि वो ट्रायल से होकर गुजर रही है. हमें ये नहीं पता था कि हमें कोवैक्सीन दी जाएगी या फिर कोविशील्ड. हमारा ये सवाल था. लेकिन अब ये साफ हो गया है कि हमें कोवैक्सीन दी जा रही है."

हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर एके सिंह राणा को कोवैक्सीन दी गई.

कोवैक्सीन को लेकर चिंता

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को कुछ सीमाओं के साथ आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है, ये वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण को रोक सकती है. पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में ये बात सामने आई है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी बनाने में सक्षम है.

लेकिन अभी ये वैक्सीन कितने प्रतिशत लोगों को कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है, मतलब इसकी एफिकेसी कितनी है, ये फेज 3 के नतीजे आने के बाद पता चलेगा. लेकिय ये बात ध्यान देने वाली है कि वैक्सीन लेने का मतलब ये नहीं है कि इसके बाद आपको मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को भूल जाना है.

कोवैक्सीन वालों से कराए जा रहे कंसेट फॉर्म पर दस्तखत

कोवैक्सीन दिए जाने के पहले एक कंसेट फॉर्म पर दस्तखत कराए जा रहे हैं. इस फॉर्म में बताया गया है कि अगर वैक्सीन का कोई साइडइफेक्ट दिखता है तो उसकी भरपाई भारत बायोटेक करेगा. खास बात ये है कि कोविशील्ड वैक्सीन वालों से इस तरह के कंसट फॉर्म पर दस्तखत नहीं कराए जा रहे हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT