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दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी झड़प हो गई. इस झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए, जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
पुलिस ने बताया कि घायलों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी हैं.
तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने बताया कि एक वकील की कार, पुलिस की जेल वैन को छू गयी, जिसके बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी.
चौहान ने आरोप लगाया-
चौहान ने दावा किया कि न्यायाधीश जब जा रहे थे तो 20 मिनट बाद पुलिस ने चार राउंड फायर किए. उन्होंने दावा किया कि अन्य वकीलों के साथ बाहर प्रदर्शन कर रहे एक वकील रंजीत सिंह मलिक गोली से घायल हो गए.
उन्होंने बताया कि घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल ले जाया गया. चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस ने वकीलों के साथ बदसलूकी की. पूरी तरह से पुलिस की लापरवाही का मामला है.’’
उन्होंने दावा किया कि करीब डेढ़ घंटे बाद वकील को हवालात से छोड़ दिया गया.
कोर्ट परिसर के बाहर बैठकर प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के दौरान गोली चलायी और इसमें संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बार एसोसिएशनों ने घटना की निंदा की और चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया.
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष के सी मित्तल ने कहा-
अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गयी और आठ अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. आठ बाइकों में भी आग लगा दी गयी. दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा.
झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया. पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और झड़प के कारण अदालत परिसर के भीतर फंसे विचाराधीन कैदियों को बाद में पुलिस वाहनों से संबंधित जेलों में पहुंचाया गया.
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